Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jul 2017 · 3 min read

खण्डहर में तब्दील किला बदल सकता तकदीर

रिपोर्ट- पारसमणि अग्रवाल

अपने एक निजी कार्य से जतारा के प्रवेश द्वार से महज थोड़ी दूर निकलने पर गाड़ी से जतारा किले पर नजर गई और अचानक ही मन में किला का भ्रमण करने की अभिलाषा मन में जाग्रत हो गई। निजी कार्य से वक्त मिलते ही मेरे कदमो ने किले की ओर रुख कर लिया और लगभग 14- 15 फिट ऊँचे पर मार्ग पर पहुँच अपनी मंजिल को अपने सामने पाया। मंजिल को अपने सामने देख मन में एक अजीब सा उत्साह उमड़ आया और विशालकाय किला को अपनी नजरों में कैद किया। किले को काफी उत्सुकता के साथ देखते हुये मानो यह लग रहा था कि किला अपनी दुर्दशा पर आँसू बहा अपनी किस्मत को कोश रहा हो। यदि पर्यटक नजरिये से इस किला को देखा जाये तो पर्यटक स्थल के रूप में विकसित होने की अपार सम्भावना दिखाई दे रही थी क्योंकि किले का विशाल रूप ही अपने आप एक विशेष महत्व रखता है किले के जस्ट बगल में बना विशाल तालाब जिसका दूसरे पार का किनारा नजर ही नहीँ आ रहा था इसी से तालाब के आकार का अंदाजा लगाया जा सकता है यह तालाब किले की शोभा पर चार चाँद लगाने का कार्य कर रहा था वर्तमान में उक्त तालाब में मत्स्य पालन का कार्य जोरों शोरों से होता दिखाई दिये। भयाभय किले में एक अजीब उत्साह के साथ साथ अजीब सा डर लिये हम उस कोठरी तक भी जा पहुँचे जँहा बैठकर तालाब के साथ प्रकृति के सुनहरे नजारे का दीदार किया जा सकता है उक्त स्थल को देख ऐसा लग रहा था कि राजा अपनी रानी के साथ वही बैठकर प्रकृति की महिमा का आनन्द लिया करते थे पर्यटन की अपार सम्भावनाये छिपाये यह किला बदहाली की मार झेलते हुये अपना अस्तित्व बचाने के लिये संघर्ष कर रहा है पुरात्व विभाग की अनदेखी और स्थानीय प्रशासन के गैर जिम्मेदारी पूर्ण रवैया किले को जमीदोज होने को मजबूर हो रहा है किले के भ्रमण में हमें ऐसी भी कई जगह नजर आई जो रख रखाव के आभाव में अपनी पहचान खो चुकी थी । भविष्य की इमारत अतीत की नींव पर ही बनती है इस महत्वपूर्ण कहावत को इस किले से जोड़कर देखने पर मै खुद को इस निष्कर्ष पर खड़ा पाता हूँ कि यदि पुरात्व विभाग द्वारा वैज्ञानिक पद्धति से इस किले का रखरखाव होने व स्थानीय प्रशासन के पहल से जतारा को पर्यटक नगर के रूप में विकसित किया जा सकता था जिससे जतारा का चहुँमुखी विकास होने के साथ-साथ स्थानीय लोगों को रोजगार के संसाधन भी मुहैय्या हो जाता । वही जतारा से महज लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद ओरछा भी इस नगर के लिये संजीवनी बूटी का कार्य करता हुआ दिखाई देता क्योंकि दूर – दूर से पर्यटक ओरछा की सैर करने आते है और यदि जतारा भी पर्यटक नगर के रूप में विकसित हो जाता तो ऐसे में वह खुद को ओरछा से महज कुछ दूरी पर मौजूद किले का विचरण करने से खुद को नहीँ रोक पाते परिणाम स्वरुप पर्यटक नगर जतारा पर्यटकों के लिये भी मोहताज नहीँ होता लेकिन दुर्भाग्य जतारा का और बदकिस्मती उस किले की जिसमें पर्यटकों का मेला लगना चाहिये था उस किले में बुलन्द हौसले के साथ अतिक्रमण का जाल फैला हुआ है। खण्डर में तब्दील हो रहे उस किले के ग्राउंड फ्लोर पर अतिक्रमणकारियों द्वारा भैस बांधकर और खेती का निजी सामान रख बड़े पैमाने पर अतिक्रमण किया गया है और स्थानीय प्रशासन कुम्भकर्णीय नींद में सोने में मस्त है। किले के ऊपरी फ्लोरो पर जानने पर वहाँ की दशा देख यह एहसास हुआ कि जैसे वीरान पड़े उस किले में वर्षों से कोई गया ही नहीँ हो जो पुरात्व विभाग के उसके प्रति नज़रिये को स्पष्ट बया करता है। अब देखना यह है कि पुरात्व विभाग और स्थानीय प्रशासन अपनी नींद से जागकर अपने अतीत की रक्षा करता है या फिर बढ़ते समय के काल चक्र के साथ इस किला का भी नामोनिशान मिट जायेगा।

Language: Hindi
463 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बना दिया हमको ऐसा, जिंदगी की राहों ने
बना दिया हमको ऐसा, जिंदगी की राहों ने
gurudeenverma198
संविधान का पालन
संविधान का पालन
विजय कुमार अग्रवाल
हमारे बाद भी चलती रहेगी बहारें
हमारे बाद भी चलती रहेगी बहारें
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
जिसका इन्तजार हो उसका दीदार हो जाए,
जिसका इन्तजार हो उसका दीदार हो जाए,
डी. के. निवातिया
পৃথিবীর সবচেয়ে সুন্দর মেয়েদের
পৃথিবীর সবচেয়ে সুন্দর মেয়েদের
Sakhawat Jisan
लाखों ख्याल आये
लाखों ख्याल आये
Surinder blackpen
शिव की महिमा
शिव की महिमा
Praveen Sain
अतुल वरदान है हिंदी, सकल सम्मान है हिंदी।
अतुल वरदान है हिंदी, सकल सम्मान है हिंदी।
Neelam Sharma
मोबाइल है हाथ में,
मोबाइल है हाथ में,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
देख भाई, ये जिंदगी भी एक न एक दिन हमारा इम्तिहान लेती है ,
देख भाई, ये जिंदगी भी एक न एक दिन हमारा इम्तिहान लेती है ,
Dr. Man Mohan Krishna
बचपन की अठखेलियाँ
बचपन की अठखेलियाँ
लक्ष्मी सिंह
: आओ अपने देश वापस चलते हैं....
: आओ अपने देश वापस चलते हैं....
shabina. Naaz
आप को मरने से सिर्फ आप बचा सकते हैं
आप को मरने से सिर्फ आप बचा सकते हैं
पूर्वार्थ
शबे दर्द जाती नही।
शबे दर्द जाती नही।
Taj Mohammad
बिहार–झारखंड की चुनिंदा दलित कविताएं (सम्पादक डा मुसाफ़िर बैठा & डा कर्मानन्द आर्य)
बिहार–झारखंड की चुनिंदा दलित कविताएं (सम्पादक डा मुसाफ़िर बैठा & डा कर्मानन्द आर्य)
Dr MusafiR BaithA
वर्षा का भेदभाव
वर्षा का भेदभाव
DR. Kaushal Kishor Shrivastava
तोड देना वादा,पर कोई वादा तो कर
तोड देना वादा,पर कोई वादा तो कर
Ram Krishan Rastogi
2325.पूर्णिका
2325.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
*वह भी क्या दिन थे : बारात में नखरे करने के 【हास्य-व्यंग्य 】
*वह भी क्या दिन थे : बारात में नखरे करने के 【हास्य-व्यंग्य 】
Ravi Prakash
इंसान को,
इंसान को,
नेताम आर सी
उड़ानों का नहीं मतलब, गगन का नूर हो जाना।
उड़ानों का नहीं मतलब, गगन का नूर हो जाना।
डॉ.सीमा अग्रवाल
चाहता हूं
चाहता हूं
Er. Sanjay Shrivastava
" जुबां "
Dr. Kishan tandon kranti
* दिल के दायरे मे तस्वीर बना दो तुम *
* दिल के दायरे मे तस्वीर बना दो तुम *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मैं उसकी निग़हबानी का ऐसा शिकार हूँ
मैं उसकी निग़हबानी का ऐसा शिकार हूँ
Shweta Soni
Not longing for prince who will give you taj after your death
Not longing for prince who will give you taj after your death
Ankita Patel
माना कि दुनिया बहुत बुरी है
माना कि दुनिया बहुत बुरी है
Shekhar Chandra Mitra
।। लक्ष्य ।।
।। लक्ष्य ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
वंदेमातरम
वंदेमातरम
Bodhisatva kastooriya
खुशी पाने का जरिया दौलत हो नहीं सकता
खुशी पाने का जरिया दौलत हो नहीं सकता
नूरफातिमा खातून नूरी
Loading...