क्षमा करें श्रीमान
(पर्यूषण पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं)
मन वाणी या कर्म से, मन का आपा खोए
जाने अनजाने कभी, ह्रदय दुखाया होए
पंच विकारों से ग्रसित, है माटी की देह
अहंकार आवेश वश, तोड़ दिया हो नेह
बैर भाव या द्वेष बस, पहुंच गई हो ठेस
छुद्र जानकर क्षमा करें, नहीं है अंतस द्वेष
पद प्रतिष्ठा मान में, सदा बढ़े हैं आप
छोटा समझ कर दीजिए, गलती मेरी माफ
क्षमा वीर की शान है, क्षमा है धर्म महान
क्षमा सभी से मांगता, क्षमा करें श्रीमान
सुरेश कुमार चतुर्वेदी