Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Aug 2019 · 1 min read

क्रान्ति दिवस पर एक रचना —आर के रस्तोगी

9 अगस्त सन 42 को,क्रांतिकारियों ने बिगुल बजाया था |
“अंग्रेजो भारत छोडो” ये पूरे भारत में नारा लगाया था ||

आज नई परिस्थितयो में,एक नया नारा हमे लगाना है |
पाक,अधिकृत कश्मीर छोडो,ये उसको हमने जताना है ||

भले आज सुभाष गाँधी नहीं,नये सुभाष गाँधी बनाना है |
पाक के नापाक पंजो से,अब पूरा कश्मीर हमे छुडाना है ||

वैसे तो पाक बौखलाया है,हाथ में कटोरा लिया हुआ है |
अब चढ़ाई कर दो उस पर,चारो तरफ से घिरा हुआ है ||

क्रांति दिवस के मौके पर,लाल चौक पर तिरंगा फहरेगा |
जो करेगा आना कानी, अब उसका सिर नही ठहरेगा ||

नई क्रान्ति होगी कश्मीर में,सबका विकास अब होगा |
सत्तर साल से जो पिछड़ा था,अब सबसे आगे होगा ||

आर के रस्तोगी
गुरुग्राम (हरियाणा)
मो 9971006425

Language: Hindi
2 Likes · 396 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all
You may also like:
2681.*पूर्णिका*
2681.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रंगीन हुए जा रहे हैं
रंगीन हुए जा रहे हैं
हिमांशु Kulshrestha
༺♥✧
༺♥✧
Satyaveer vaishnav
"प्रेम -मिलन '
DrLakshman Jha Parimal
मेरी ज़िंदगी की खुशियां
मेरी ज़िंदगी की खुशियां
Dr fauzia Naseem shad
Augmented Reality: Unveiling its Transformative Prospects
Augmented Reality: Unveiling its Transformative Prospects
Shyam Sundar Subramanian
विषय--विजयी विश्व तिरंगा
विषय--विजयी विश्व तिरंगा
रेखा कापसे
अलग सी सोच है उनकी, अलग अंदाज है उनका।
अलग सी सोच है उनकी, अलग अंदाज है उनका।
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
*रामपुर की गाँधी समाधि (तीन कुंडलियाँ)*
*रामपुर की गाँधी समाधि (तीन कुंडलियाँ)*
Ravi Prakash
ज्योतिष विज्ञान एव पुनर्जन्म धर्म के परिपेक्ष्य में ज्योतिषीय लेख
ज्योतिष विज्ञान एव पुनर्जन्म धर्म के परिपेक्ष्य में ज्योतिषीय लेख
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जख्म भी रूठ गया है अबतो
जख्म भी रूठ गया है अबतो
सिद्धार्थ गोरखपुरी
दो रंगों में दिखती दुनिया
दो रंगों में दिखती दुनिया
कवि दीपक बवेजा
Collect your efforts to through yourself on the sky .
Collect your efforts to through yourself on the sky .
Sakshi Tripathi
सम्मान गुरु का कीजिए
सम्मान गुरु का कीजिए
Harminder Kaur
#मुक्तक
#मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
माँ
माँ
Arvina
सच्ची होली
सच्ची होली
Mukesh Kumar Rishi Verma
Ghazal
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
मैं तो निकला था,
मैं तो निकला था,
Dr. Man Mohan Krishna
मुझे आशीष दो, माँ
मुझे आशीष दो, माँ
Ghanshyam Poddar
वक्त से वकालत तक
वक्त से वकालत तक
Vishal babu (vishu)
तर्जनी आक्षेेप कर रही विभा पर
तर्जनी आक्षेेप कर रही विभा पर
Suryakant Dwivedi
हुई बरसात टूटा इक पुराना, पेड़ था आख़िर
हुई बरसात टूटा इक पुराना, पेड़ था आख़िर
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
राजनीति अब धुत्त पड़ी है (नवगीत)
राजनीति अब धुत्त पड़ी है (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
युँ ही नहीं जिंदगी हर लम्हा अंदर से तोड़ रही,
युँ ही नहीं जिंदगी हर लम्हा अंदर से तोड़ रही,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
सरेआम जब कभी मसअलों की बात आई
सरेआम जब कभी मसअलों की बात आई
Maroof aalam
Change is hard at first, messy in the middle, gorgeous at th
Change is hard at first, messy in the middle, gorgeous at th
पूर्वार्थ
आज की जरूरत~
आज की जरूरत~
दिनेश एल० "जैहिंद"
भूख 🙏
भूख 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
11-कैसे - कैसे लोग
11-कैसे - कैसे लोग
Ajay Kumar Vimal
Loading...