Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Mar 2017 · 2 min read

क्यों न होली इस बार हम कुछ यूं मनाये…

क्यों न होली इस बार हम कुछ यूं मनाये,
जो बिछड़े थे हमसे कभी उन्हें साथ लाये,
जो रूठे थे हमसे क्यों न पास आये,
जो है गैर हमसे उन्हें भी अपना बनाये,
क्यों न होली इस बार हम कुछ यूं मनाये।।

मन के सारे द्वंद्व इस बार मिट जाये,
गलतफहमियां मेरी तेरी सब रुखसत हो जाये,
अपना पराया भेद सब मन से हट जाये,
अनजानी गलतियों को माफ़ कर जाये,
क्यों न होली इस बार हम कुछ यूं मनाये।।

क्या हिन्दू और क्या मुस्लिम ये भूल जाये,
मिलकर गले इक दूजे से बस अपने हो जाये,
रंग होते सारे कुदरत के ये मान जाये,
क्या केसरिया क्या हरा मिल हम गुलाल लगाये,
क्यों न होली इस बार हम कुछ यूं मनाये।।

धर्म है अगर कोई तो उसका मर्म जान जाये,
वतन है अपना एक हिन्द क्यों न साथ आये,
क्या मजहब क्या जातिवाद हम इंसान हो जाये,
लहू है रंग एक फिर क्यों न मानवता अपनाये,
क्यों न होली इस बार हम कुछ यूं मनाये।।

वो जीते या तुम जीते मन में न कड़वाहट लाये,
भले हो दल अलग़ देशहित क्यों न साथ आये,
राजनीति न इस बार राष्ट्रनीति अपनाये,
छोड़ फ़ुट की बातें क्यों न विकास कर जाये,
क्यों न होली इस बार हम कुछ यूं मनाये।।

रूठा है कोई यार क्यों न उसे मना लाये,
आने को साथ एक क्यों न छोटे बन जाये,
शांति और एका की क्यों न मिसाल बन जाये,
भारत है एक न की बटा हुआ ये दुनिया को दिखलाये,
क्यों न होली इस बार हम कुछ यूं मनाये।।

✍कुछ पंक्तियाँ मेरी कलम से : अरविन्द दाँगी “विकल”

(होली प्रेम सद्भावना महोत्सव की संपूर्ण भारतवासियों को हार्दिक शुभकामनायें…???)

Language: Hindi
432 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
होली
होली
Madhavi Srivastava
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
#मुक्तक
#मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
💐प्रेम कौतुक-329💐
💐प्रेम कौतुक-329💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
रक्षा है उस मूल्य की,
रक्षा है उस मूल्य की,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
* बिखर रही है चान्दनी *
* बिखर रही है चान्दनी *
surenderpal vaidya
तुम मुझे भुला ना पाओगे
तुम मुझे भुला ना पाओगे
Ram Krishan Rastogi
मुस्कुराहट
मुस्कुराहट
Naushaba Suriya
"बोली-दिल से होली"
Dr. Kishan tandon kranti
जहां तक तुम सोच सकते हो
जहां तक तुम सोच सकते हो
Ankita Patel
धीरज और संयम
धीरज और संयम
ओंकार मिश्र
बाँस और घास में बहुत अंतर होता है जबकि प्रकृति दोनों को एक स
बाँस और घास में बहुत अंतर होता है जबकि प्रकृति दोनों को एक स
Dr. Man Mohan Krishna
चांद ने सितारों से कहा,
चांद ने सितारों से कहा,
Radha jha
इक दिन तो जाना है
इक दिन तो जाना है
नन्दलाल सुथार "राही"
*वोट हमें बनवाना है।*
*वोट हमें बनवाना है।*
Dushyant Kumar
शातिर दुनिया
शातिर दुनिया
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
किसी के साथ सोना और किसी का होना दोनों में ज़मीन आसमान का फर
किसी के साथ सोना और किसी का होना दोनों में ज़मीन आसमान का फर
Rj Anand Prajapati
तुम मेरी
तुम मेरी
Dr fauzia Naseem shad
दान किसे
दान किसे
Sanjay ' शून्य'
दोहावली ओम की
दोहावली ओम की
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
शादी
शादी
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
अपने सुख के लिए, दूसरों को कष्ट देना,सही मनुष्य पर दोषारोपण
अपने सुख के लिए, दूसरों को कष्ट देना,सही मनुष्य पर दोषारोपण
विमला महरिया मौज
*सबसे अच्छा काम प्रदर्शन, धरना-जाम लगाना (हास्य गीत)*
*सबसे अच्छा काम प्रदर्शन, धरना-जाम लगाना (हास्य गीत)*
Ravi Prakash
महाशिव रात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ
महाशिव रात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ
अंकित शर्मा 'इषुप्रिय'
जितना रोज ऊपर वाले भगवान को मनाते हो ना उतना नीचे वाले इंसान
जितना रोज ऊपर वाले भगवान को मनाते हो ना उतना नीचे वाले इंसान
Ranjeet kumar patre
किसी रोज मिलना बेमतलब
किसी रोज मिलना बेमतलब
Amit Pathak
अपने अपने कटघरे हैं
अपने अपने कटघरे हैं
Shivkumar Bilagrami
★भारतीय किसान★
★भारतीय किसान★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
Patience and determination, like a rock, is the key to their hearts' lock.
Patience and determination, like a rock, is the key to their hearts' lock.
Manisha Manjari
3198.*पूर्णिका*
3198.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...