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9 Sep 2020 · 1 min read

क्यूॅं रोये ऑंखें मेरी

क्यूॅं रोये ऑंखें मेरी और क्यूॅं धोए भला वो खुद को
इसकी तो बस इतनी सी तलब देखे ये खुश उसको

तारों भरी रात में चाॅंद संध्या के साथ बडा खुशबाश था
छाया दूर से तकती फिर हॅंस कर अपना कहती उसको

~ सिद्धार्थ

Language: Hindi
4 Likes · 349 Views
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