**क्या लेकर आए हो ,क्या लेकर जाओगे**
आए अकेले इस दुनिया में ,और अकेले जाओगे।
मिलजुल रह लो ,प्रेम से जी लो, अंत समय पछताओगे।
क्या लेकर आए हो, क्या लेकर जाओगे।।
धन के पीछे मन को तुमने ,छोटा कितना कर डाला।
सुबह शाम और पल पल तुम तो ,जपते हो जिसकी माला।
जीवन धन को अपने यारों ,मानवता पर कब लूटाओगे।।
क्या लेकर आए हो, क्या लेकर जाओगे।।
मिला यह जीवन हम सबको ही ,परहित हम करते जाएं।
दीन हीन जो मिले सफर में ,संभल उनके बनते जाएं।
जीवन का संदेश यही है ,जीवन से तर जाओगे।।
क्या लेकर आए हो, क्या लेकर जाओगे।।
न हीं भटकना, न हीं अटकना ,सद राहों पर चलना है।
पथ ऐसा निर्माण करें हम ,आने वालों को भी चलना है।
आने वाले युगो युगो तक, अनुनय याद सभी को आओगे।।
क्या लेकर आए हो ,क्या लेकर जाओगे ।।
राजेश व्यास अनुनय