Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 May 2016 · 1 min read

क्या लिखूं

प्यारा भारत वर्ष लिखूं
आजादी संघर्ष लिखूं
जाति धर्म में देश बंटा
कैसे मैं उत्कर्ष लिखूं ।।।

शोषण अत्याचार लिखूं
जीने का अधिकार लिखूं
आग धधकती है मन में
कैसे मैं श्रृंगार लिखूं ।।।

आंखों देखा हाल लिखूं
मानवता बेहाल लिखूं
कृषक मरें खलिहानों में
कैसे जग खुशहाल लिखूं ।।।

टूट रहे परिवार लिखूं
हर जन है अंगार लिखूं
नगर नगर वृद्धाश्रम हैं
कैसे शुभ संस्कार लिखूं ।।।

अंधकार पर जीत लिखूं
मनभावन संगीत लिखूं
सबको कुछ सिखलाए जो
ऐसा सुंदर गीत लिखूं।।।

ऊर्जा का संचार लिखूं
शांत सुखी संसार लिखूं
सभी धर्म सम्मानित हों
ऐसा मृदु व्यवहार लिखूं ।।।

स्त्री का सम्मान लिखूं
कन्या है अभिमान लिखूं
खिलता रूप प्रकृति का
कलियों की मुस्कान लिखूं ।।।

स्वच्छ नदी की धार लिखूं
बहती शुद्ध बयार लिखूं
कण कण रमतें हो ईश्वर
खुशियों का आधार लिखूं ।।

अंकिता

Language: Hindi
1 Like · 3 Comments · 1008 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तितली
तितली
Dr. Pradeep Kumar Sharma
दिल साफ होना चाहिए,
दिल साफ होना चाहिए,
Jay Dewangan
ना आप.. ना मैं...
ना आप.. ना मैं...
'अशांत' शेखर
हिंदुस्तानी है हम सारे
हिंदुस्तानी है हम सारे
Manjhii Masti
पीर
पीर
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
Lately, what weighs more to me is being understood. To be se
Lately, what weighs more to me is being understood. To be se
पूर्वार्थ
किस क़दर गहरा रिश्ता रहा
किस क़दर गहरा रिश्ता रहा
हिमांशु Kulshrestha
........,
........,
शेखर सिंह
■ आज का मुक्तक
■ आज का मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
रंग में डूबने से भी नहीं चढ़ा रंग,
रंग में डूबने से भी नहीं चढ़ा रंग,
Buddha Prakash
आप कैसा कमाल करते हो
आप कैसा कमाल करते हो
Dr fauzia Naseem shad
हजारों के बीच भी हम तन्हा हो जाते हैं,
हजारों के बीच भी हम तन्हा हो जाते हैं,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
" पाती जो है प्रीत की "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
खींचातानी  कर   रहे, सारे  नेता लोग
खींचातानी कर रहे, सारे नेता लोग
Dr Archana Gupta
*भरोसा हो तो*
*भरोसा हो तो*
नेताम आर सी
उम्मीदें  लगाना  छोड़  दो...
उम्मीदें लगाना छोड़ दो...
Aarti sirsat
ग़ज़ल संग्रह 'तसव्वुर'
ग़ज़ल संग्रह 'तसव्वुर'
Anis Shah
♥️पिता♥️
♥️पिता♥️
Vandna thakur
2391.पूर्णिका
2391.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
*ऋषि अगस्त्य ने राह सुझाई (कुछ चौपाइयॉं)*
*ऋषि अगस्त्य ने राह सुझाई (कुछ चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
चिड़िया रानी
चिड़िया रानी
नन्दलाल सुथार "राही"
आपके शब्द आपके अस्तित्व और व्यक्तित्व का भार वहन करते है...
आपके शब्द आपके अस्तित्व और व्यक्तित्व का भार वहन करते है...
DEVSHREE PAREEK 'ARPITA'
ईश्वर
ईश्वर
Shyam Sundar Subramanian
मुझको कभी भी आजमाकर देख लेना
मुझको कभी भी आजमाकर देख लेना
Ram Krishan Rastogi
दुनिया तभी खूबसूरत लग सकती है
दुनिया तभी खूबसूरत लग सकती है
ruby kumari
कुछ यथार्थ कुछ कल्पना कुछ अरूप कुछ रूप।
कुछ यथार्थ कुछ कल्पना कुछ अरूप कुछ रूप।
Mahendra Narayan
SADGURU IS TRUE GUIDE…
SADGURU IS TRUE GUIDE…
Awadhesh Kumar Singh
यही समय है!
यही समय है!
Saransh Singh 'Priyam'
उसका चेहरा उदास था
उसका चेहरा उदास था
Surinder blackpen
अगर नाम करने का वादा है ठाना,
अगर नाम करने का वादा है ठाना,
Satish Srijan
Loading...