— क्या पीना जरुरी है —
पीने वाले का अंदाज
सब से निराला होता है
शायद पीने के बाद ही
वो होश में आता है
पी पी के ज़माने को
अपना एहसास करवाता है
कदम साथ नही देते उस के
फिर भी घर पहुँच जाता है
क्या पीना इतना जरुरी है
ऐसी भी क्या मजबूरी है
घर चलाने को पैसा होता नही
फिर भी मैखाने से होकर आता है
रौब बीवी पर ऐसे जमाता है
जैसे खुद अमृत का प्याला है
कितना खोखला हुए जा रहा है
फिर भी नासमझ बन जाता है
पीने वाले पीना छोड़ दे
मैखाने से तू अपना मुख मोड़ ले
समय रहते समझ गया तो ठीक है
नही तो सर्वनाश के दिन पास हैं
अजीत कुमार तलवार
मेरठ