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25 Nov 2018 · 1 min read

क्या नहीं भारत के अंदर

कहते हैं हम विदेश को सुंदर,
क्या नहीं भारत के अंदर।

वहाँ पे लोग हैं फ़र्ज निभाते,
नागरिक होने का कर्ज़ चुकाते।
अगर वो कुत्ता बिल्ली पालते,
उसका गंद कूड़ेदान में डालते।
कहते हैं हम………।

हम क्या करते हैं यहाँ,
आँख बचाकर थूकते हैं यहाँ वहाँ।
कैसे होगा भारत सुंदर,
हम सब फँसे हैं मस्जिद मंदिर।
कहते हैं हम…………।

आयो भारत को भी साफ़ बनाएँ,
एक घंटा सफाई अभियान चलाएँ।
सुबह सुबह कर के शृमदान,
कर्म करें ये महा. महान ।
कहते हैं हम………….।

फिर देखो ये अपना भारत,
चाँद सा लगेगा प्यारा भारत।
स्वर्ग सा लगेगा प्यारा भारत,
विदेश सा लगेगा प्यारा भारत।
कहते हैं हम…………..।
द्वारा रचित….. रजनीश गोयल
रोहिणी ……….दिल्ली

Language: Hindi
13 Likes · 7 Comments · 364 Views
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