क्या तुम्हें लगता हैं
हर रोज़ तुम्हें देखता हूँ।
सब दिन एक जैसी ही
दिखती हो,
एक ही अंदाज़ में।
कभी-कभी तुम मेरे सामने रुख
बदल लेती हो,
किसी-किसी बात पर
और फिर उसके बाद कुछ बात करना
ठीक भी नही लगता है।
इसलिये मैं हर रोज़ तुमसे कुछ
नही पूछता,
बस ऐसे ही।
इतना तो तुम जानती हो ना,
मैं तुमको अच्छे से जानता हूँ,
हाँ, शायद अच्छे से जानता हूँ।
तुम्हे क्या लगता है ?