क्या जानेंगे वो
क्या जानेंगे वो
मुफलिसी क्या होती है
क्या जानेगे वो,,,,
जिनकी पैदाईसी अमीरी होती है।
मोहब्बत की इंतेहा को
क्या जानेंगे वो,,,,
जिनकी खानदानी नफरत दीवार होती है।
किस तरह गुज़रती है राते दर्द भरी,,,
क्या जानेंगे वो,,
जिन्हें मिली राते महफ़िल जाम भरी।
इन्तेजार की मीठी मीठी चुंबन को,,,
क्या जानेंगे वो,,,
जिन्हें मिलती पलपल में खुशियां गहन हो।
सिसकिया भर भर आंहे भरते आशिक के मर्म को,,
क्या जानेंगे वो,,,
जिनको धोखेबाजी करने पर होता न दर्द हो।
गायत्री सोनू जैन मन्दसौर