Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Dec 2019 · 1 min read

क्या -जाँचने की यही है कसौटी

क्या- जाँचने की यही है कसौटी
———————-
हमारी सोच क्यों हो गई है छोटी
क्या जाँजने की यहीं है कसौटी

व्यक्ति से व्यक्ति तक क्यों भिन्न
प्रत्येक रहे ऐसी नीतियों से खिन्न
क्यों ,निष्पक्षता की नहीं है बोटी
क्या -जाँचने की यही है कसौटी

क्यों बिक रहें यहाँ जाँच प्रभारी
फिर कौन रह सकेगा आभारी
बदले में लेने लगे हैं रकम मोटी
क्या- जाँचने की यही हैं कसौटी

अपराधी खूलेआम रहता घूमता
पीड़ित को हर कोई रहे है लूटता
क्या यही है न्याय की यहाँ सोटी
क्या- जाँचने की यही है कसौटी

गुनाहगार क्यों हैं पदों पर आसीन
न्याय हेतु यहाँ बिक रहे घर जमीन
क्या अब न्याय की कीमत खसौटी
क्या- जाँचने की यही है कसौटी

मासूम,युवा,प्रौढ भी हो रही शिकार
नहीं थम रहा है ये तूफान अत्याचार
आबरु की नित उतरती बोटी- बोटी
क्या – जाँचने की यही है कसौटी

दंगा करने वाले क्यो होते नहीं नंगे
हर रोज नये मुद्दों पर होते यहाँ दंगे
क्यों नहीं है दंगाइयों की उम्र छोटी
क्या – जाँचने की यही है कसौटी

क्यों उभरती नहीं यहाँ प्रेम भा्नाएं
बढ़ती जा रही हैं यहाँ पर यातनाएं
सुखविंद्र,कब मिलेगी सभी को रोटी
क्या – जाँचने की यही है कसौटी

सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)
9896872258

Language: Hindi
2 Comments · 240 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दिल पर साजे बस हिन्दी भाषा
दिल पर साजे बस हिन्दी भाषा
Sandeep Pande
बरसात की झड़ी ।
बरसात की झड़ी ।
Buddha Prakash
समय बहुत है,
समय बहुत है,
Parvat Singh Rajput
श्रीमद्भगवद्‌गीता का सार
श्रीमद्भगवद्‌गीता का सार
Jyoti Khari
माटी कहे पुकार
माटी कहे पुकार
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जो लिखा नहीं.....लिखने की कोशिश में हूँ...
जो लिखा नहीं.....लिखने की कोशिश में हूँ...
Vishal babu (vishu)
डॉ. नामवर सिंह की आलोचना के प्रपंच
डॉ. नामवर सिंह की आलोचना के प्रपंच
कवि रमेशराज
एक फूल
एक फूल
Anil "Aadarsh"
2783. *पूर्णिका*
2783. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पुष्प
पुष्प
Er. Sanjay Shrivastava
हर दफ़ा जब बात रिश्तों की आती है तो इतना समझ आ जाता है की ये
हर दफ़ा जब बात रिश्तों की आती है तो इतना समझ आ जाता है की ये
पूर्वार्थ
■ जिंदगी खुद ख्वाब
■ जिंदगी खुद ख्वाब
*Author प्रणय प्रभात*
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
SPK Sachin Lodhi
कहाॅं तुम पौन हो।
कहाॅं तुम पौन हो।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
"चाह"
Dr. Kishan tandon kranti
Forget and Forgive Solve Many Problems
Forget and Forgive Solve Many Problems
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
समय की गांठें
समय की गांठें
Shekhar Chandra Mitra
*ऊन (बाल कविता)*
*ऊन (बाल कविता)*
Ravi Prakash
प्रेम स्वतंत्र आज हैं?
प्रेम स्वतंत्र आज हैं?
The_dk_poetry
जल से निकली जलपरी
जल से निकली जलपरी
लक्ष्मी सिंह
सम्बन्ध
सम्बन्ध
Shaily
वह (कुछ भाव-स्वभाव चित्र)
वह (कुछ भाव-स्वभाव चित्र)
Dr MusafiR BaithA
स्कूल चलो
स्कूल चलो
Dr. Pradeep Kumar Sharma
तुम्हारी आंखों का रंग हमे भाता है
तुम्हारी आंखों का रंग हमे भाता है
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
💐प्रेम कौतुक-535💐
💐प्रेम कौतुक-535💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कुदरत मुझको रंग दे
कुदरत मुझको रंग दे
Gurdeep Saggu
🙏😊🙏
🙏😊🙏
Neelam Sharma
जीवन जितना
जीवन जितना
Dr fauzia Naseem shad
शायरी
शायरी
goutam shaw
Loading...