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12 Nov 2017 · 1 min read

क्या-क्या नाम दूँ !!!

क्या-क्या नाम दूँ !!!
// दिनेश एल० “जैहिंद”

कटीली, रसीली, नशीली
हैं ये गोरियाँ
छबीली, सजीली,रंगीली
हैं ये गोरियाँ
और भला क्या-क्या नाम दूँ,
और भी हैं नाम हजार इनके •••••••••

(1)
नाजुक कितनी कलाई इनकी
गरदन है जैसे सुराही इनकी
होंठ से चिपके ये होंठ ऐसे,,,
जैसे लगे ये गोलाई सीप की
पहेली, ठिठोली, भड़कीली,
हैं ये छोरियाँ,
और भला क्या-क्या नाम दूँ,
और भी हैं नाम हजार इनके ••••••••••

(2)
पतली-पतली हैं टाँग इनकी
कदली जैसी हैं जाँघ इनकी
डाली के जैसी कमर दीखती,,,
हिरनी जैसी है चाल इनकी
दामिनी, रागिनी, चाँदनी,
हैं ये पोरियाँ,
और भला क्या-क्या नाम दूँ,
और भी है नाम हजार इनके •••••••••

(3)
चिकनी सूरत बनाई इनकी
कजरारी आँखें बिठाईं इनकी
तौबा है रब की खुदाई रब की
शामत “जैहिंद” की बुलाई काहेकि
सोहिनी, मोहिनी, कामिनी,
हैं ये कुड़ियाँ,
और भला क्या-क्या नाम दूँ,
और भी हैं नाम हजार इनके ••••••••••

===============
दिनेश एल० “जैहिंद”
30. 09. 2017

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 500 Views
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