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29 Jun 2020 · 1 min read

क्या कमी रह गयी

मुझसे क्या कमी रह गयी
तेरी आँखों में नमी रह गयी

आसमाँ की जो चाहत की
दूर मुझसे ज़मी रह गयी

ये कैसा इन्तज़ार दिया तुमने
आँख खुली की खुली रह गयी

इज़हारे तमन्ना ना कर सके ‘अर्श’
बात ज़ुबाँ पर अटकी रह गयी

1 Like · 501 Views
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