Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Oct 2019 · 1 min read

कोश़िश

मुश्किलें आसान हो जाएंगी जरा कोश़िश तो करके देखो।
मुसीबतें सब हल हो जाएगी जरा हौसला रख के तो देखो।
इज्ज़त के मायने समझो जरा इज्ज़त कमा कर तो देखो ।
अब तक सब़ाब का हिसाब रखा जरा अज़ाब का हिसाब लगा कर तो देखो ।
रंजिश में डूबे रहे त़ाउम्र जरा भुलाकर दोस्त बना कर तो देखो ।
फ़रेबियों की बातों में आते रहे अब तक जरा उनका पर्दाफ़ाश करके तो देखो ।
ग़ैरों की नज़रों में फ़रिश्ते बनने से पहले से खुद इंसान तो बनकर देखो ।
ख़ुदगर्ज़ बहुत बन लिए जरा म़ददगार
बनकर देखो।
फ़र्ज और ज़र्फ को समझ कर ग़ैरतमंद तो बनकर देखो ।
ब़ंदगी तो बहुत कर ली ज़रा ख़ुदा को समझ कर तो देखो।

2 Comments · 192 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all
You may also like:
छोड़ जाएंगे
छोड़ जाएंगे
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
खुदारा मुझे भी दुआ दीजिए।
खुदारा मुझे भी दुआ दीजिए।
सत्य कुमार प्रेमी
*देश के  नेता खूठ  बोलते  फिर क्यों अपने लगते हैँ*
*देश के नेता खूठ बोलते फिर क्यों अपने लगते हैँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*रामपुर की गाँधी समाधि (तीन कुंडलियाँ)*
*रामपुर की गाँधी समाधि (तीन कुंडलियाँ)*
Ravi Prakash
आओ जाओ मेरी बाहों में,कुछ लम्हों के लिए
आओ जाओ मेरी बाहों में,कुछ लम्हों के लिए
Ram Krishan Rastogi
सुकून
सुकून
अखिलेश 'अखिल'
जिंदा होने का सबूत
जिंदा होने का सबूत
Dr. Pradeep Kumar Sharma
दोय चिड़कली
दोय चिड़कली
Rajdeep Singh Inda
"Looking up at the stars, I know quite well
पूर्वार्थ
न कुछ पानें की खुशी
न कुछ पानें की खुशी
Sonu sugandh
कविता: एक राखी मुझे भेज दो, रक्षाबंधन आने वाला है।
कविता: एक राखी मुझे भेज दो, रक्षाबंधन आने वाला है।
Rajesh Kumar Arjun
1)“काग़ज़ के कोरे पन्ने चूमती कलम”
1)“काग़ज़ के कोरे पन्ने चूमती कलम”
Sapna Arora
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
भर लो नयनों में नीर
भर लो नयनों में नीर
Arti Bhadauria
खुदकुशी नाहीं, इंकलाब करअ
खुदकुशी नाहीं, इंकलाब करअ
Shekhar Chandra Mitra
■ हिंदी सप्ताह के समापन पर ■
■ हिंदी सप्ताह के समापन पर ■
*Author प्रणय प्रभात*
साथ
साथ
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
राखी धागों का त्यौहार
राखी धागों का त्यौहार
Mukesh Kumar Sonkar
2816. *पूर्णिका*
2816. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कृष्ण सुदामा मित्रता,
कृष्ण सुदामा मित्रता,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
यूं साया बनके चलते दिनों रात कृष्ण है
यूं साया बनके चलते दिनों रात कृष्ण है
Ajad Mandori
इतनी जल्दी क्यूं जाते हो,बैठो तो
इतनी जल्दी क्यूं जाते हो,बैठो तो
Shweta Soni
You never know when the prolixity of destiny can twirl your
You never know when the prolixity of destiny can twirl your
Sukoon
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Jitendra Kumar Noor
गहरा है रिश्ता
गहरा है रिश्ता
Surinder blackpen
💐अज्ञात के प्रति-142💐
💐अज्ञात के प्रति-142💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
स्वप्न मन के सभी नित्य खंडित हुए ।
स्वप्न मन के सभी नित्य खंडित हुए ।
Arvind trivedi
मैं बारिश में तर था
मैं बारिश में तर था
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
Love is
Love is
Otteri Selvakumar
खिचड़ी
खिचड़ी
Satish Srijan
Loading...