कोरोना – 6
कोरोना
इंसानियत की आजमाईश है कोरोना
कहता है कोरोना कहता है कोरोना
अपने बड़ों का सम्मान कर न
एक दूसरे को नमस्ते और राम – राम करो न
उड़ा ले जाऊंगा मैं तुमको सूखे पत्तो न की तरह
स्वयं पर अभिमान करो न
संस्कृति , संस्कारों पर विश्वास धरो न
एक दूसरे पर अविश्वास करो न
रिश्तों की डोर की पकड़ को बनाए रखो
इंसानियत का ज़ज्बा बनाये रखो न
मुसीबत के इस दौरे – कोरोना में
उस खुदा पर एतबार करो न
कहता है कोरोना कहता है कोरोना
धर्म कर्म की राह चलो न
वर्णशंकर प्रजाति से
इस धरा को प्रदूषित करो न
अपने धर्म पर विश्वास करो न
मंदिर, चर्च, गुरूद्वारे और मस्जिद तेरे लिए हैं
उस खुदा से अपना दर्द
एक बार कहो न
चंद पुष्प उसके चरणों में अर्पित कर दो
और उस खुदा से गुजारिश करो
इस कोरोना से हमें मुक्त करो न
इस कोरोना से हमें मुक्त करो न
इस कोरोना से हमें मुक्त करो न