(कोरोना)*** संकट अब भी जारी है !
माह पर माह बीते
संकट अब भी जारी है , कोरोना विचित्र महामारी है ।
सारा जहां अपनी-अपनी कर रहा तैयारी है ।
कहीं लाक डाऊन तो कहीं अनलॉक ,
यह कैसी बीमारी है ,संकट अब भी जारी है।
(१)इससे उसको उससे उसको
चेन बढ़ती जा रही भारी है।
किस से बचे? कैसे बचे ?सोच भी अब तो हरी है ।
संकट अब भी जारी है।
(२)मानो सब कुछ बदल गया ।
जनता सारी हो गई निबला।
मजबूर मजदूरों की तो अब हिम्मत भी हारी है,
संकट अब भी जारी है।
(३) कमाई छूटीझोपड़ी पहले ही थी टूटी ।
भूखे बेबस बच्चों की कैसे देखे लाचारी है।
संकट अब भी जारी है ।
(४)सपने सारे हवा हुए
अंखियों के भी सूखे कुएं।
कल बेटा खोया
आज चल बसी नारी है ।
संकट अब भी जारी है।
(५)घर कितने ही उजड़ गए ।
रोगी बढ़ रहे रोज नए।
नहीं पता अब किस की
अंतिम यात्रा की बारी है।
संकट अब भी जारी है।
(६) भरोसा पाले बैठे हैं
आंखें खोले लेटे हैं।
कहां छुपा बैठा है ईश
तू तो सबका दाता त्रिपुरारी है।
संकट अब भी जारी है ।
(७)या तो हमने तेरी प्रकृति को बिगाड़ा है
या फिर तूने ही कुछ और ताडा है।
आओ आओ कष्ट हरो
जीवन में फिर से रंग भरो।
वरना उजड़ जाएगी यह धरती महतारी है ।
संकट अब भी जारी है ।
(८)रोते बिलखते जन की फरियाद सुनो
कोरोना को अपने क्रोध से भूनो।
“अनुनय”अब तो हमारा जीवन
शरण में आ पड़ा तुम्हारी है , संकट अब भी जारी है ।
“राजेश व्यास अनुनय”