Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jun 2020 · 1 min read

कोरोना ल हराबोन

गीत -कोरोना ल हराबोन
~~~~~~~~~~~~~
कोरोना बैरी ल संगी,
मिलके हमन भगाबोन जी।
दीन दुखी के सेवा करके,
देश के मान बढ़ाबोन जी।
घर म अपन रहे के संगी,
नियम सुघर बनाबोन जी
जुरमिल के सब कोशिश कर,
कोरोना ल हराबोन जी।
//1//
हाथ धोबो साबुन म अउ,
बाँध मुहू ल ओनहा म।
परेरबो बासी ल खावत,
अपन घहर के कोनहा म।
दु गज भर के दुरिहा रहिके,
संगी ल गोठियाबोन जी।
जुरमिल के सब कोशिश कर,
कोरोना ल हराबोन जी।।
//2//
सर्दी खाँसी अउ बुखार ल
हलका म नई लेना हे,
डॉक्टर घर म जाके जल्दी,
बात जमों कह देना हे।
डॉक्टर साहेब जइसे कहही,
दवा गोली वो खाबोन जी।
जुरमिल के सब कोशिश कर,
कोरोना ल हराबोन जी।।
~~~~~~~~~~~~~~
रचनाकार-डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर”
पीपरभवना,बलौदाबाजार (छ.ग.)
मो. 8120587822

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 203 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जग में सबके घर हुए ,कभी शोक-संतप्त (कुंडलिया)*
जग में सबके घर हुए ,कभी शोक-संतप्त (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
हम तो यही बात कहेंगे
हम तो यही बात कहेंगे
gurudeenverma198
तेरे बिछड़ने पर लिख रहा हूं ये गजल बेदर्द,
तेरे बिछड़ने पर लिख रहा हूं ये गजल बेदर्द,
Sahil Ahmad
*जातक या संसार मा*
*जातक या संसार मा*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
उर्वशी कविता से...
उर्वशी कविता से...
Satish Srijan
गर्म हवाओं ने सैकड़ों का खून किया है
गर्म हवाओं ने सैकड़ों का खून किया है
Anil Mishra Prahari
रमेशराज के 2 मुक्तक
रमेशराज के 2 मुक्तक
कवि रमेशराज
हर शक्स की नजरो से गिर गए जो इस कदर
हर शक्स की नजरो से गिर गए जो इस कदर
कृष्णकांत गुर्जर
■ आज की सलाह। धूर्तों के लिए।।
■ आज की सलाह। धूर्तों के लिए।।
*Author प्रणय प्रभात*
मन का मैल नहीं धुले
मन का मैल नहीं धुले
Paras Nath Jha
यहा हर इंसान दो चहरे लिए होता है,
यहा हर इंसान दो चहरे लिए होता है,
Happy sunshine Soni
प्रार्थना
प्रार्थना
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
Never settle for less than you deserve.
Never settle for less than you deserve.
पूर्वार्थ
बचपन
बचपन
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
🌿⚘️ मेरी दिव्य प्रेम कविता ⚘️🌿
🌿⚘️ मेरी दिव्य प्रेम कविता ⚘️🌿
Ms.Ankit Halke jha
प्रेम की अनिवार्यता
प्रेम की अनिवार्यता
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
इतनी जल्दी दुनियां की
इतनी जल्दी दुनियां की
नेताम आर सी
परी
परी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हाथ में फूल गुलाबों के हीं सच्चे लगते हैं
हाथ में फूल गुलाबों के हीं सच्चे लगते हैं
Shweta Soni
अनमोल वचन
अनमोल वचन
Jitendra Chhonkar
दो शे'र
दो शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
Cottage house
Cottage house
Otteri Selvakumar
मैत्री//
मैत्री//
Madhavi Srivastava
రామ భజే శ్రీ కృష్ణ భజే
రామ భజే శ్రీ కృష్ణ భజే
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
हिन्दी पर विचार
हिन्दी पर विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
एक दिन का बचपन
एक दिन का बचपन
Kanchan Khanna
2387.पूर्णिका
2387.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
" चर्चा चाय की "
Dr Meenu Poonia
ख्वाब को ख़ाक होने में वक्त नही लगता...!
ख्वाब को ख़ाक होने में वक्त नही लगता...!
Aarti sirsat
💐प्रेम कौतुक-461💐
💐प्रेम कौतुक-461💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Loading...