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10 Jul 2020 · 1 min read

कोरोना महामारी

हम पर भारी,तुम पर भारी,कहे कोरोना महामारी ।
क्या करे बेचारी ।।

क्यों लड़ते तुम आपस में, अब आई मेरी बारी ।
मानव मानव लड़ें जंग में,परमाणु बम दे मारी ।।
खरचा करते क्यों लड़ने में, मैं बिन पैसे ही मारी ।
हाथ मिला लो,खाँस छींक लो, मैं लाइलाज बीमारी ।‌।

करूं मैं क्या, मुझे न था आना,पर मेरी थी लाचारी ।
तुम लालची, भ्रष्टाचारी, अत्याचारी और व्यभिचारी ।।
सोचा थोड़ी झलक दिखा दूँ, शायद सुधर जायें संसारी।
तुम बड़े बेईमान,न किया सम्मान, ठहरा दिया मुझे हत्यारी ।।

क्या-क्या जतन किया तुम सबने ,अब मैं तुमसे हारी ।
कद्र नहीं, मैं चली जगत से,क्यूँ फिरूँ यहाँ मारी मारी ।।
मान भी जाओ, जान भी जाओ,कर लो सुधरने की तैयारी।
“ओम् “नहीं मानते तब तो फिर हो जाऊँगी महाप्रलयंकारी।।

ओमप्रकाश भारती “ओम्”

Language: Hindi
4 Likes · 2 Comments · 241 Views
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