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18 Dec 2020 · 1 min read

“कोरोना ने जीना सीखा दिया”

अहमियत पता ना थी “प्रकृति” की
हम लोगों को प्रकृति को माँ मानना सिखाया,

जिन “मजदूरों” को हम जानते नहीं थे
उनके हमारे बीच होने का अहसास कराया,

लॉकडाउन में हवा हुई इतनी साफ की
“जालंधर” से हिमालय तक को दिखा दिया,

घर में रह कर हम सब को
एक “ग्रहणी” की अहमियत क्या बता दिया,

कभी ताली-थाली तो कभी दीयों से
हमारी एकता को हमारी “हिम्मत” बना दिया,

हमें साफ-सफाई और मास्क-सैनिटाइजर
इन सब की “जरूरत” क्या यह सीखा दिया,

कहीं ना कहीं हमें इस कोरोना ने
“जीना सीखा दिया”

“कविता राणा” ✍?
उज्जैन, मध्यप्रदेश, भारत ??

13 Likes · 58 Comments · 736 Views
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