Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Mar 2020 · 1 min read

कोरोना ने चीन से क्या कहा ?

कोरोना ने चीन से कहा आका ।
आज पूरी दुनिया मर रही मेरे बांहो मे ।
फैल चुका हूँ चारो ओर हवाओ मे ।
चीन ने बोला हमारे लोग भी मरे ये कैसा कहर ढाया ।
बोला कोरोना आपने प्राकृतिक का दोहन क्यूं करवाया ।
भुक्तो खामियाजा खुद पूरे विश्व मे हड़कम्प मचाया ।
वायरस हूं सर्दी खांसी जुकाम से प्यार करता हूं ।
उनके शरीर के अंगो को बर्बाद करता हूं ।
चीन बोला गड्ढा खोदा हमने पुरा विश्व उसमे समाया ।
बस खोया ही कुछ न अभी तक पाया ।
चीन बोला कार्य करने से पहले अंजाम सोच लो ।
नही तो कोरोना जैसा दूसरा आफत मोल लो ।
Rj Anand Prajapati

Language: Hindi
198 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अभी कुछ बरस बीते
अभी कुछ बरस बीते
shabina. Naaz
Ab maine likhna band kar diya h,
Ab maine likhna band kar diya h,
Sakshi Tripathi
वर्तमान समय में रिश्तों की स्थिति पर एक टिप्पणी है। कवि कहता
वर्तमान समय में रिश्तों की स्थिति पर एक टिप्पणी है। कवि कहता
पूर्वार्थ
राष्ट्रीय किसान दिवस : भारतीय किसान
राष्ट्रीय किसान दिवस : भारतीय किसान
Satish Srijan
भुला ना सका
भुला ना सका
Dr. Mulla Adam Ali
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
subhash Rahat Barelvi
राम आए हैं भाई रे
राम आए हैं भाई रे
Harinarayan Tanha
💐प्रेम कौतुक-97💐
💐प्रेम कौतुक-97💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
परों को खोल कर अपने उड़ो ऊँचा ज़माने में!
परों को खोल कर अपने उड़ो ऊँचा ज़माने में!
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
मोर छत्तीसगढ़ महतारी
मोर छत्तीसगढ़ महतारी
Mukesh Kumar Sonkar
मै अपवाद कवि अभी जीवित हूं
मै अपवाद कवि अभी जीवित हूं
प्रेमदास वसु सुरेखा
"माफ करके"
Dr. Kishan tandon kranti
कभी हुनर नहीं खिलता
कभी हुनर नहीं खिलता
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
*नारी तुम गृह स्वामिनी, तुम जीवन-आधार (कुंडलिया)*
*नारी तुम गृह स्वामिनी, तुम जीवन-आधार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
''आशा' के मुक्तक
''आशा' के मुक्तक"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
अलबेला अब्र
अलबेला अब्र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
औरों के धुन से क्या मतलब कोई किसी की नहीं सुनता है !
औरों के धुन से क्या मतलब कोई किसी की नहीं सुनता है !
DrLakshman Jha Parimal
सोच बदलनी होगी
सोच बदलनी होगी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जज़्बात
जज़्बात
Neeraj Agarwal
पानी
पानी
Er. Sanjay Shrivastava
देश के दुश्मन कहीं भी, साफ़ खुलते ही नहीं हैं
देश के दुश्मन कहीं भी, साफ़ खुलते ही नहीं हैं
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*चाँद को भी क़बूल है*
*चाँद को भी क़बूल है*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
नज़्म/कविता - जब अहसासों में तू बसी है
नज़्म/कविता - जब अहसासों में तू बसी है
अनिल कुमार
3141.*पूर्णिका*
3141.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Nothing is easier in life than
Nothing is easier in life than "easy words"
सिद्धार्थ गोरखपुरी
मेरा ब्लॉग अपडेट दिनांक 2 अक्टूबर 2023
मेरा ब्लॉग अपडेट दिनांक 2 अक्टूबर 2023
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
बालि हनुमान मलयुद्ध
बालि हनुमान मलयुद्ध
Anil chobisa
हर बार धोखे से धोखे के लिये हम तैयार है
हर बार धोखे से धोखे के लिये हम तैयार है
manisha
जब घर से दूर गया था,
जब घर से दूर गया था,
भवेश
मन में पल रहे सुन्दर विचारों को मूर्त्त रुप देने के पश्चात्
मन में पल रहे सुन्दर विचारों को मूर्त्त रुप देने के पश्चात्
Paras Nath Jha
Loading...