कोरोना गीत
कोरोना उपचार नहीं है, रोकथाम ही करना है।
पूरा बन्द हुआ है भारत, घर में प्रतिदिन रहना है ।
श्वसन तंत्र मजबूत बनायें, हम सब प्राणायाम करें ।
योग भ्रामरी अपना करके ,घर में थोड़ा काम करें।
खानपान को नियमित करके, ताजा भोजन करना है।
पूरा बंद हुआ है भारत, घर में प्रतिदिन रहना है।
कोरोना उपचार नहीं है, रोकथाम ही करना है।
घर से बाहर तनिक ना निकले, क्वॉरेंटाइन अपनायें।
घर में मास्क लगाकर भैया ,फिजिकल दूरी ले आयें।
कोरोना के डर से भैया , दस्तानों को पहना है
पूरा बंद हुआ है भारत ,घर में प्रतिदिन रहना है ।
कोरोना उपचार नहीं है ,रोकथाम ही करना है ।
धुलकर हाथों को साबुन से, हाथ जोड़कर नमन करें।
सादर अभिवादन अपनायें, सदा सुरक्षित गमन करें ।
स्वच्छता अपना कर भैया चिरजीवी भर रहना है।
कोरोना के डर से भैया, अब तो बच कर रहना है ।
पूरा बंद हुआ है भारत घर में प्रतिदिन रहना है।
दोहा
राष्ट्र झेलता संक्रमण, कोरोना से आम।
देशद्रोह की तय सजा,कठ मुल्लों के नाम।
डा प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, “प्रेम'”