Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jan 2021 · 2 min read

कोरोना का हास्य रुप

कोरोना दादा ने, बहुत कोहराम मचाया है ।
बच्चे बूढ़े युवा को ,नाको ताले चने चबवाया है ।

जिंदा को मुर्दा ,मुर्दे को गयाब करवाया है।
बड़े -बड़े को भी घर मे, कारावास कराया है।

मां-बाप जो ना कर सके, इस ने वह सबक सिखाया है ।
प्रेमियो को दूर करा, सोशल डिस्टेंसिंग अपनाया है।

इंसानों का समझ है पढ़ता ।
इसने तो मध्यप्रदेश में ,कुर्सी को भी पलटाया है।

कोरेना बीमारी किसको पता था देश में
इसलिए अमिताभ को भी ड्यूटी पर लगाया है ।

लॉकडाउन में पुलिस से, मालिश चौराहे पर करवाई है ।
दुकानें खोली जिसने , मुक्के लाते उसने भी तो खाई है ।

राशन जमा हुआ महलों में
गरीब ने तो लॉकडाउन में भी ,हवा खाई है ।

डॉक्टर से जो भी उलझा ।
उसकी किडनी भी साफ कराई है ।

सैनिटाइजर की तो, बात न करना ।
रगड़ -रगड़ के हाथों की चमड़ी पीली नीली कराई है।

दुनिया की आधी जनसंख्या को, चुटकी में झड़ाई है ।
शुक्र हो भैया अखबारों का, दुनिया की खबरें उसी ने हमें बताई है।

देश की अर्थव्यवस्था कहां है ,नहीं पता ।
हमने तो घर में 2 रुपए के लिए ,मां से चप्पल खाई है ।

काम धंधे ठप हुए ।
बस राज्यश्री गुटके ने की, कमाई है ।

मास्क लगा के ,चेहरे पे ।
इंसान की सच्ची सूरत दिखाई है।

कोरेना भी डरा हुआ है ।
भारत में ,बर्ड फ्लू नाम की बीमारी आई है।

कोरेना दुद्दू अभी भी है, लोग भूलते जा रहे
21 आ गया तो मास्क उतार सब ,गले क्यों मिलते जा रहे ।

प्रकृति मां भी हेरा है ,मुझ पर जुल्म ढाते-ढाते ,
मेरे बच्चों यह तुमने अपने साथ क्या कर लिया ।
नई नई बीमारी लाके क्यों अपना गला मसल लिया ।

वैक्सीन भी धीरे- धीरे, अब अस्तित्व में आ रही।
बचे हुए हैं जो ,मुझे लगता है उनकी भी तारीख नजदीक आ रही।

अब मैं ज्यादा नहीं बोलूंगा, कोरेना दादा मुझ पर नजर तीखी करा आए हैं।
मास्क सैनिटाइजर का तोता रखा है ,इस कारण शायद मुझ तक अभी न आए हैं।

और हमने यह तराने सोच समझ कर गाये हैं ।
अब समझो भावनाओं को ,क्योंकि हर चीज खुल कर ना हम बतलाए हैं।

हर्ष मालवीय
बीकॉम कंप्यूटर तृतीय वर्ष
कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय हमीदिया
बी यू भोपाल मध्य प्रदेश

7 Likes · 31 Comments · 571 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तुझसे है मुझे प्यार ये बतला रहा हूॅं मैं।
तुझसे है मुझे प्यार ये बतला रहा हूॅं मैं।
सत्य कुमार प्रेमी
संसार है मतलब का
संसार है मतलब का
अरशद रसूल बदायूंनी
सांत्वना
सांत्वना
भरत कुमार सोलंकी
अपने
अपने
Shyam Sundar Subramanian
💐प्रेम कौतुक-166💐
💐प्रेम कौतुक-166💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
बुज़ुर्गो को न होने दे अकेला
बुज़ुर्गो को न होने दे अकेला
Dr fauzia Naseem shad
पर्यायवरण (दोहा छन्द)
पर्यायवरण (दोहा छन्द)
नाथ सोनांचली
एक लेख...…..बेटी के साथ
एक लेख...…..बेटी के साथ
Neeraj Agarwal
पति मेरा मेरी जिंदगी का हमसफ़र है
पति मेरा मेरी जिंदगी का हमसफ़र है
VINOD CHAUHAN
जिसकी जिससे है छनती,
जिसकी जिससे है छनती,
महेश चन्द्र त्रिपाठी
दलित साहित्यकार कैलाश चंद चौहान की साहित्यिक यात्रा : एक वर्णन
दलित साहित्यकार कैलाश चंद चौहान की साहित्यिक यात्रा : एक वर्णन
Dr. Narendra Valmiki
लिख के उंगली से धूल पर कोई - संदीप ठाकुर
लिख के उंगली से धूल पर कोई - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
नमो-नमो
नमो-नमो
Bodhisatva kastooriya
श्रृंगार
श्रृंगार
Neelam Sharma
शून्य से अनन्त
शून्य से अनन्त
The_dk_poetry
Gairo ko sawarne me khuch aise
Gairo ko sawarne me khuch aise
Sakshi Tripathi
अधूरी रह जाती दस्तान ए इश्क मेरी
अधूरी रह जाती दस्तान ए इश्क मेरी
Er. Sanjay Shrivastava
वो जो तू सुन नहीं पाया, वो जो मैं कह नहीं पाई,
वो जो तू सुन नहीं पाया, वो जो मैं कह नहीं पाई,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
मुक्तक
मुक्तक
sushil sarna
साधु की दो बातें
साधु की दो बातें
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हीरा उन्हीं को  समझा  गया
हीरा उन्हीं को समझा गया
दुष्यन्त 'बाबा'
*स्वर्ग तुल्य सुन्दर सा है परिवार हमारा*
*स्वर्ग तुल्य सुन्दर सा है परिवार हमारा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
"पापा की परी"
Yogendra Chaturwedi
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
हे देवाधिदेव गजानन
हे देवाधिदेव गजानन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
2402.पूर्णिका
2402.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
भैया दूज (हिंदी गजल/गीतिका)
भैया दूज (हिंदी गजल/गीतिका)
Ravi Prakash
*दीपावली का ऐतिहासिक महत्व*
*दीपावली का ऐतिहासिक महत्व*
Harminder Kaur
नया सवेरा
नया सवेरा
AMRESH KUMAR VERMA
"What comes easy won't last,
पूर्वार्थ
Loading...