Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 May 2021 · 1 min read

कोरोना काल

देख कर हर तरफ दर्द की लहरियां
बढ़ती ही जा रहीं दिल की वीरानियां

हाल जिंदा हैं उनका तो क्या पूछिए
लग रहीं हैं शवों की भी अब पंक्तियां

मुफ्त मिलती रही जो हमें प्राण वायु
मोल मिलने में भी उसके दुश्वारियां

बेबसी भी जरा अपनों की देखिए
दाह संस्कार से भी हुई दूरियां

नन्हा बचपन भी मुरझाया है कैद में
हैं उदासी भरी उसकी किलकारियां

आज कष्टों में कितने खड़े हम सभी
पर वजह भी हमारी ही नादानियां

आज खाली हैं कल थी बहुत व्यस्तता
‘खा रही हैं बहुत अब ये खामोशियां

हमको विश्वास पर पहले की ही तरह
“अर्चना” मुस्कुराएंगी फिर वादियां

6.5.2021
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

3 Likes · 2 Comments · 311 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
वाह सीनियर लोग (हिंदी गजल/गीतिका)
वाह सीनियर लोग (हिंदी गजल/गीतिका)
Ravi Prakash
अभी बाकी है
अभी बाकी है
Vandna Thakur
23/198. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/198. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
क्या लिखते हो ?
क्या लिखते हो ?
Atul "Krishn"
आइये, तिरंगा फहरायें....!!
आइये, तिरंगा फहरायें....!!
Kanchan Khanna
हसरतों की भी एक उम्र होनी चाहिए।
हसरतों की भी एक उम्र होनी चाहिए।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
बदलता दौर
बदलता दौर
ओनिका सेतिया 'अनु '
प्रदर्शन
प्रदर्शन
Sanjay ' शून्य'
बरगद का दरख़्त है तू
बरगद का दरख़्त है तू
Satish Srijan
"कभी-कभी"
Dr. Kishan tandon kranti
बाल कविता: मुन्ने का खिलौना
बाल कविता: मुन्ने का खिलौना
Rajesh Kumar Arjun
मेरी …….
मेरी …….
Sangeeta Beniwal
मैंने जिसे लिखा था बड़ा देखभाल के
मैंने जिसे लिखा था बड़ा देखभाल के
Shweta Soni
औरत का जीवन
औरत का जीवन
Dheerja Sharma
💐Prodigy Love-36💐
💐Prodigy Love-36💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
अपनी सूरत
अपनी सूरत
Dr fauzia Naseem shad
Open mic Gorakhpur
Open mic Gorakhpur
Sandeep Albela
नेता खाते हैं देशी घी
नेता खाते हैं देशी घी
महेश चन्द्र त्रिपाठी
अपना भी नहीं बनाया उसने और
अपना भी नहीं बनाया उसने और
कवि दीपक बवेजा
नारी शक्ति.....एक सच
नारी शक्ति.....एक सच
Neeraj Agarwal
माँ की यादें
माँ की यादें
मनोज कर्ण
■ युग परिवर्तन
■ युग परिवर्तन
*Author प्रणय प्रभात*
-  मिलकर उससे
- मिलकर उससे
Seema gupta,Alwar
जंग तो दिमाग से जीती जा सकती है......
जंग तो दिमाग से जीती जा सकती है......
shabina. Naaz
‘‘शिक्षा में क्रान्ति’’
‘‘शिक्षा में क्रान्ति’’
Mr. Rajesh Lathwal Chirana
या ख़ुदा पाँव में बे-शक मुझे छाले देना
या ख़ुदा पाँव में बे-शक मुझे छाले देना
Anis Shah
डॉ. नामवर सिंह की दृष्टि में कौन-सी कविताएँ गम्भीर और ओजस हैं??
डॉ. नामवर सिंह की दृष्टि में कौन-सी कविताएँ गम्भीर और ओजस हैं??
कवि रमेशराज
पर्यावरण
पर्यावरण
Madhavi Srivastava
रिश्तों में वक्त
रिश्तों में वक्त
पूर्वार्थ
Loading...