Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Dec 2020 · 8 min read

“कोरोना काल का प्रेमविवाह”

“एक लड़का और लड़की आपस में एक-दूसरे से बहुत प्रेम करते थे ये दोनों किसी मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करते थे लड़का एक दूरस्थ गाँव का रहने वाला था और लड़की शहर के पास ही एक गांव की रहने वाली थी। उन दोनो में इतना प्रेम हो गया कि वे एक दूसरे के बिना जी भी नहीं रह सकते थे।
उन दोनों ने शादी करने का विचार कर लिया पर दोनों ही समझदार ओर अच्छे घर के थे कि हम दोनों को अपने घर में शादी की बात करनी होगी अगर घर वाले मान जाते हैं तो ये हम दोनो के लिए सोने पे सुहागा होगा। कुछ दिनों बाद दोनों ने कम्पनी से छुट्टी लेकर अपने अपने गाँव चले गए। दोनों ने अपने शादी के बारे में अपने घर-परिवार वालों से बात कि एक दूसरे ने कहा हम दोनो बहुत प्यार करते हैं तो हमने सोचा कि शादी कर लेते हैं पर हम दोनों ने सोचा कि हम दोनों अपने अपने परिवार से बात करते हैं इसीलिए पूछ रहे हैं आप लोगों से दोनों के माता-पिताजी ने मान गए इस रिश्ते से ओर लड़की के माता-पिताजी ने कहा लड़के को फोन कर की वे रिश्ते के लिए अपने परिवार को यहां लेके आए। हम भी तो देखें आखिर हमारी लाडली ने कौन सा हीरा चुना है। अपने माता-पिताजी की बात सुनकर लड़की बहुत खुश हुई। उसने तुरंत लड़के को फोन किया की आपके घर वाले मान गए हैं क्या तो लड़के ने कहा पहले आप बताओ कि आपके घर वाले मान गए हैं क्या दोनों ने कहा पहले आप तो पहले आप फिर लड़की ने कहा मेरे घर वाले तो राजी हो गए हैं और तुरंत आपको ओर आपके परिवार को मेरे घर आने के लिए बुलाया है।
मैने तो बता दिया है आप बताओ लड़के थोड़े देर चुप रहा लड़की डर गयी फिर लड़के जोर से हंसा कि मेरे घर वाले भी मान गए हैं मेरे हम दोनों के रिश्ते के लिए ओर घर वाले ने कहा कि लड़की को फोन कर हम आ रहे हैं देखने की हमारे लड़के ने कौन सा परी को पसंद किया है हम भी तो देख आये।
ये बातें सुनकर दोनों बहुत खुश हुए की मानो सारा जहाँ जीत लिया हो पर कहते हैं ना ज्यादा खुशी कब दुखी में बदल जायँ ये सब समय का चक्र घुमाता है। लड़के के परिवार वाले लड़की के घर गए रिश्ते के लिए लड़की के परिवार वालों ने बड़े आदर सत्कार के साथ उनका स्वागत किया और एक दूसरे की रिश्ते बात कर सीधे शादी की बात की।
कुछ दिन बाद शादी का मुहर्त आ गयी दोनों के घर में शादी की जोर शोर से तैयारी चल रही है शादी के लिए खाने-पीने से लेकर हर चीझ के सामान की लिस्ट तैयार हो रहे थे ताकि शादी में किसी चीझ की कमी ना हो ताकि शादी में एक दूसरे को शर्मिंदा ना होना पड़े यही। उन्होंने वो सब चिझो का इंतजाम किया जो आज के समय के अनुसार चाहिए होता है। और यहीं सब तैयारी इंतजाम लड़के के घर में भी हो रहा था शादी के लिए सारी लिस्ट तैयार हो गए पर कुछ तो लिस्ट में लिखना भूल गए जिसको लाना ही था आज के समय में। दोनों जगह शादी की तैयारी हो गई।
अब आ ही गई शादी के दिन लड़के के घर से बारात जाने लगे बैंड बाजे के साथ ओर बाराती भी। पर वे लड़के के बारात वाले ये एक बात का उन्होंने ध्यान नहीं रखा।
जैसे ही बारात लड़की के आँगन या घर के पास पहुँचा तो लड़की के रिश्तेदार ने लड़की के माँ-पिताजी को सूचना दी कि बारात आ गई है घर के पास में उन्होंने लड़की के पिताजी से कहा मैं आपसे कुछ बात करना चाहता हूँ अकेले में तो उन्होंने बताया कि वे जरूरत से ज्यादा बाराती आ रखें हैं, उन्होंने मुँह पर मास्क भी नहीं लगया हुआ है और सामाजिक दूरी (Social Distensing) का पालन भी नही किया है, जबकि हम सबने ने मुहँ में मास्क लगाया हुआ है,बारात से पहले पूरे घर-आँगन में सेनिटाइजर का छिड़काव किया है, हेंडवास रखा है, जबकि आपको पता है कि इस समय कोरोना महामारी फैली है भले ऐसे में कुछ बात हो गई तो हम सब समाज को क्या मुहँ दिखाएंगे फिर लड़की के पिताजी ने कहा ये तो बात सही है ये तो उन्हें भी पता होना चाहिए भले सरकार ने सबको छूट दे दी है लेकिन इसका ये मतलब नही है कि इतनी बड़ी लापरवाही करें जबकि हमने भी मेहमान कम बुलाए हैं लड़की के पिताजी ने कहा अब क्या होगा बारात तो आ गई है उनका स्वागत भी कैसे करें कहीं कोरोना का दस्तक ना हो , वे दोनों लड़की और लड़की के परिजनों से इस बारे में बताया कि ऐसी-ऐसी बात है लड़की के पिताजी ने अपने लड़की से कहा बेटी अब तू ही बता की क्या करें जैसे तू कहेगी वेसे ही होगा तेरी खुशी में ही हमारी खुशी है बेटी तो जानती है ना कि आज का समय के बारे में फिर लड़की ने कहा आने दो बारात को मैं अपने आप उस समय बात करूंगी आप सब बारात का स्वागत करें बड़े सम्मान के साथ उन्हें इस बारे में कुछ पता नही चलना चाहिए सब नॉर्मल रहना।
लड़की के परिवार ओर रिश्तेदार बारात का स्वगात के लिए गेट पर पहुंचे सबने मास्क लगाया हुआ था और सबके हाथ मे सेनिटाइजर की छोटी सी बोतल रखा हुए तभी बारात गेट पर आते हैं दूल्हा घोड़े से उतरकर सभी स्वागत गेट पर खड़े हो जाते हैं। लड़की के परिवार वाले स्वागत से पहले उन सभी बरातियों के हाथ सेनिटाइजर से दुलाते हैं फिर उन्हें ही उस बोतल दे देते हैं और सबको एक-एक मास्क देते हैं और कहते हैं कि इसे पहनों सब अंदर दूरी बनाके चलेंगे वहां अंदर स्वागत हॉल में बैठने के लिए कुर्सियां पहले ही सबके अलग रखा है सबने मास्क लगाके सीधे स्वगात हॉल में पहुंचे वहाँ बाराती अपने अपने कुर्सी पर बैठ गए , दूल्हा ओर पंडित भी स्टेज पर अपने कुर्सी पर बैठ गए उन सभी को पानी- चाय, स्नैक्स दिया गया। सामने डीजे बज रहा है गाने से, दुल्हन के तरफ से पंडित जी पूजा कर दूल्हे समेत सभी बारातियों पर माथे पर पीठाई लगाई और दुल्हन के मामाजी दूल्हे और उनके पण्डित को हाथ मे सगुन के तौर ओर लिफाफे देते हैं और उसके बाद सभी बारातियों को एक दो-दो लिफाफा देते हैं।
थोड़े देर बाद दुल्हन और साथी धीरे धीरे कदमों से स्टेज की तरफ आती है पर सभी हाथ मे वरमाला की जगह एक लिफाफा ओर सहेलियों के हाथ पर दो बड़े से गिफ्ट लाते हुए स्टेज की तरफ आ रहे हैं किसी का कुछ समझ मे नही आया रहा है कैमरामैन लगातार फोटो और वीडियो शूट कर रहा है। थोड़े देर बाद दुल्हन ओर उसकी सहेलियां स्टेज पर पहुंच गई दूल्हा अपने सीट ओर खड़ा हो गया। अब वो नाजरा होने वाला था जिसका सबको इंतजार था। अब दुल्हन ने दूल्हा को एक लिफाफा दिया और कहा इसके अंदर कुछ है दूल्हे ने उस लिफाफा में एक पत्र देखा जो ओर उसे खोला तो पढा तो उसमें आज के कोरोना माहामारी के नियम कानून और दुल्हन ने अपनी बात भी लिखा है और सभी बारातियों से कहा तुम्हें जो दो लिफाफा दिया है उनमें से एक में यह संदेश पत्र है उसे पढो ओर सबसे कहा कि क्या तुमने इन सभी नियमों का पालन किया है वो ऐसे समय में जब कोरोना माहामारी एक दूसरे के संपर्क में आने से फैल रहा है और तुम सबने इसका पालन नही किया । दुल्हन ने दूल्हे से कहा चल ये सब ना संमझ थे आप तो समझदार और एक मल्टीनेशनल कंपनी में बड़े पद पर कार्य करते हैं फिर आपने क्यों ध्यान नही दिया और इतनी बड़ी नासमझी आपसे कैसे हो गई हम दोनों के शादी के चक्कर में हम ऐसे समय मे ना जाने कितने लोगों की जान खतरे में डाल रहे हैं। इसीलिए मैने आपसे प्रेम किया और उन्होंने उस गिफ्ट दूल्हे के हाथ पर थमा दिया और कहा मैं आपसे शादी नही कर सकती हूँ आपने बहुत बड़ी लापरवाही की है। आप इसी वक्त अपने बारात वापस लेजा सकते हैं जो भी आपका खर्च हुआ है मैं देने को तैयार हूँ।
ये देख कर वहाँ पर मैजूद सभी लोग भौचक्के रह गए थोड़े देर के लिए पूरा बारात हॉल शांत और सनाटे से पसर गया। लड़के ने कहा ये क्या बात हो गयी हमने ये ही नियम तोड़ा ना इसके लिए में अपनी ओर इन सबकी तरफ से माफी मांगता हूँ। ये मेरे गलती मेरी तरफ से हुई है आप ऐसे मना मत करिये हम समाज में किसी को मुहँ देखने लायक नही रहेंगे आप मान ज़ाहिये मैं एक बार ओर दिल से आपसे ओर आपके सारे परिवार से माफी मांगना चाहता हूँ कि हमको इतनी बड़ी सजा मत दीजिए। फिर दुल्हन ने दूल्हे से कहा की हमने आपसे प्रेम किया है और आपने ऐसे समय में गुनाह किया जिस समय दुनिया कोरोना के जंग लड़ रही है लोग एक दूसरे से नही मिल पा रहे हैं सरकार लगातार हर दिन न्यूज चैनलों, न्यूजपेपर, ओर सोशलमीडिया पर हम सबको जागरूक कर रहें और आप ऐसे में नियम तोड़कर हमसे शादी करने चले हैं। ओर में इस नियम को नही तोड़ सकती हूँ वो ऐसे समय में कल लोग हम दोनों को ओर हमारे परिवार के लोगों को क्या कहेंगे कि वहाँ जो शादी हुई थी वहां तो नियम की परवाह भी नही किया गया। आप जल्दी शादी के चक्कर में अपने आपको अपने परिवार, समाज को भूल ही गये थे कि मैं क्या करने जा रहा हूँ। ओर आप तो महानगर से लौट के आये हैं जहाँ पर कोरोना का मामला ज्यादा ही है भले आप घर आकर कुछ दिन अलग रहे होंगे फिर भी आप अनजाने बने रहे। लड़की के मां-पिताजी, परिवार और रिश्तेदारों ने भी अपने बेटी को समझाया बहुत समझाया पर वह नही मानी लड़के के परिजनों, रिस्तेदार ने भी बहुत समझाया पर दुल्हन मानी नहीं ओर आखिर में दुल्हन के माता-पिताजी व परिवाजनों ने दूल्हे ओर बारातियों से माफी मांगी इसके लिए पर दुल्हन ने कहा माफी आप लोग क्यों मांग रहे हैं गलती इन्होंने किया है तो माफी भी ये ही मागेंगे फिर बारात वापस चले गई। ओर ये सब देखकर लोग भी चले गए। ये सबक दूल्हे ओर उसके परिवार के लिए एक यादगार रहा होगा। कि इस कोरोना माहामारी के नियम का पालन नहीं किया। दुल्हन के इस साहस की चर्चा समाज मे चारों ओर होने लगी कि किस प्रकार से एक दुल्हन ने सिर्फ इसीलिए मना किया कि कोरोना माहामारी के दौर में दूल्हे के नियम का पालन नहीं किया। यह कहानी सिर्फ लेखक ने अपने काल्पनिक सोच से लिखा है जो कि किसी भी व्यक्ति समाज से कोई लेना देना नहीं है।।

धन्यवाद

यह कहानी लेखक के पास पूर्णतया सर्वाधिक सुरक्षित हैं।।

@दिनेश सिंह नेगी@

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 352 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Starting it is not the problem, finishing it is the real thi
Starting it is not the problem, finishing it is the real thi
पूर्वार्थ
🚩माँ, हर बचपन का भगवान
🚩माँ, हर बचपन का भगवान
Pt. Brajesh Kumar Nayak
राम की धुन
राम की धुन
Ghanshyam Poddar
कैसे अम्बर तक जाओगे
कैसे अम्बर तक जाओगे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
मैं तो महज प्रेमिका हूँ
मैं तो महज प्रेमिका हूँ
VINOD CHAUHAN
जन पक्ष में लेखनी चले
जन पक्ष में लेखनी चले
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
*सबसे अच्छी मॉं के हाथों, निर्मित रोटी-दाल है (हिंदी गजल)*
*सबसे अच्छी मॉं के हाथों, निर्मित रोटी-दाल है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
You never know when the prolixity of destiny can twirl your
You never know when the prolixity of destiny can twirl your
Sukoon
बुद्ध सा करुणामयी कोई नहीं है।
बुद्ध सा करुणामयी कोई नहीं है।
Buddha Prakash
भूले से हमने उनसे
भूले से हमने उनसे
Sunil Suman
मेहनत ही सफलता
मेहनत ही सफलता
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
*आत्मा की वास्तविक स्थिति*
*आत्मा की वास्तविक स्थिति*
Shashi kala vyas
■ परिहास...
■ परिहास...
*Author प्रणय प्रभात*
ज़मी के मुश्किलो ने घेरा तो दूर अपने साये हो गए ।
ज़मी के मुश्किलो ने घेरा तो दूर अपने साये हो गए ।
'अशांत' शेखर
पर्यावरण
पर्यावरण
Dr Parveen Thakur
"स्कूल चलो अभियान"
Dushyant Kumar
ग़ज़ल /
ग़ज़ल /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
रेत पर
रेत पर
Shweta Soni
नाथ मुझे अपनाइए,तुम ही प्राण आधार
नाथ मुझे अपनाइए,तुम ही प्राण आधार
कृष्णकांत गुर्जर
The Saga Of That Unforgettable Pain
The Saga Of That Unforgettable Pain
Manisha Manjari
"पवित्र पौधा"
Dr. Kishan tandon kranti
'हक़' और हाकिम
'हक़' और हाकिम
आनन्द मिश्र
नींद
नींद
Diwakar Mahto
क्रोध
क्रोध
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
यहाँ तो सब के सब
यहाँ तो सब के सब
DrLakshman Jha Parimal
हे राम तुम्हारा अभिनंदन।
हे राम तुम्हारा अभिनंदन।
सत्य कुमार प्रेमी
वृक्ष धरा की धरोहर है
वृक्ष धरा की धरोहर है
Neeraj Agarwal
खुश-आमदीद आपका, वल्लाह हुई दीद
खुश-आमदीद आपका, वल्लाह हुई दीद
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
तारीख
तारीख
Dr. Seema Varma
......?
......?
शेखर सिंह
Loading...