Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 May 2020 · 1 min read

कोरोना कविता

कोरोना महामारी के वजह से,
बंद है आज जगत सारा।
मैंने तो इन दिनों में जान लिया,
मेरा परिवार है सबसे प्यारा।
साथ में योगा प्राणायाम करते,
शुरू करते हम दिन सुहाना।
स्त्री पुरुष का भेद न मानकर,
रसोई घर भर जाता हमारा।
नए पकवान पुरानी यादों में,
रामायण महाभारत देखने का मजा है न्यारा।
संकट है के समय हम लोग, बनेंगे अपनों का सहारा।

वर्तमान की स्थिति में हमको,
सिखा दिया करके लॉकडाउन का इशारा।
मुझे अपने पति के साथ मिलकर,
उठाना होगा आर्थिक भार जरा।
साथ में रहने से मैंने कुछ बातें सीखी,
परिवार के साथ मैंने अपनी जीत देखी।
वर्तमान भी भविष्य बनाना सिखा रहा,
कीमत इंसानो की है पैसों की नहीं यह समझा रहा।

आने वाले समय में बदलेगी बहुत सी बातें,
महिलाएं रुकेगी डटकर हर क्षेत्र में,
करेगी आर्थिक समृद्धि का डेरा।
घरकाम तथा लघु उद्योग करके संभालेगी,
रिश्ते नाते और परिवार सारा।
अगर हम अपनी उम्मीदें रखेंगे ऐसे ही दटकर,
पाएंगे हम जिंदगी में खुशियों का हीरा।
व्यापार कम हुआ तो क्या हुआ?
हम जानते हैं बचत ही हमारी कमाई होगी सारा।

Language: Hindi
12 Likes · 15 Comments · 558 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Kanchan Alok Malu
View all
You may also like:
*सुनते हैं नेता-अफसर, अब साँठगाँठ से खाते हैं 【हिंदी गजल/गीत
*सुनते हैं नेता-अफसर, अब साँठगाँठ से खाते हैं 【हिंदी गजल/गीत
Ravi Prakash
नहीं मतलब अब तुमसे, नहीं बात तुमसे करना
नहीं मतलब अब तुमसे, नहीं बात तुमसे करना
gurudeenverma198
किया है तुम्हें कितना याद ?
किया है तुम्हें कितना याद ?
The_dk_poetry
🙅याद रहे🙅
🙅याद रहे🙅
*Author प्रणय प्रभात*
💐Prodigy Love-23💐
💐Prodigy Love-23💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
परदेसी की  याद  में, प्रीति निहारे द्वार ।
परदेसी की याद में, प्रीति निहारे द्वार ।
sushil sarna
संवेदनशील होना किसी भी व्यक्ति के जीवन का महान गुण है।
संवेदनशील होना किसी भी व्यक्ति के जीवन का महान गुण है।
Mohan Pandey
करीब हो तुम मगर
करीब हो तुम मगर
Surinder blackpen
जीवन की परख
जीवन की परख
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
यदि तुमने किसी लड़की से कहीं ज्यादा अपने लक्ष्य से प्यार किय
यदि तुमने किसी लड़की से कहीं ज्यादा अपने लक्ष्य से प्यार किय
Rj Anand Prajapati
ज़िंदगी में बेहतर
ज़िंदगी में बेहतर
Dr fauzia Naseem shad
मुक्तक-
मुक्तक-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
Kahi pass akar ,ek dusre ko hmesha ke liye jan kar, hum dono
Kahi pass akar ,ek dusre ko hmesha ke liye jan kar, hum dono
Sakshi Tripathi
वक्त से लड़कर अपनी तकदीर संवार रहा हूँ।
वक्त से लड़कर अपनी तकदीर संवार रहा हूँ।
सिद्धार्थ गोरखपुरी
कौन सोचता....
कौन सोचता....
डॉ.सीमा अग्रवाल
जै जै जग जननी
जै जै जग जननी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
***संशय***
***संशय***
प्रेमदास वसु सुरेखा
2555.पूर्णिका
2555.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
बैठे-बैठे यूहीं ख्याल आ गया,
बैठे-बैठे यूहीं ख्याल आ गया,
Sonam Pundir
हज़ार ग़म हैं तुम्हें कौन सा बताएं हम
हज़ार ग़म हैं तुम्हें कौन सा बताएं हम
Dr Archana Gupta
नज़र का फ्लू
नज़र का फ्लू
आकाश महेशपुरी
"कविता और प्रेम"
Dr. Kishan tandon kranti
विश्वास मिला जब जीवन से
विश्वास मिला जब जीवन से
TARAN VERMA
मंजिल कठिन ॲंधेरा, दीपक जलाए रखना।
मंजिल कठिन ॲंधेरा, दीपक जलाए रखना।
सत्य कुमार प्रेमी
ये इश्क़-विश्क़ के फेरे-
ये इश्क़-विश्क़ के फेरे-
Shreedhar
सेंधी दोहे
सेंधी दोहे
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
इंसान हूं मैं आखिर ...
इंसान हूं मैं आखिर ...
ओनिका सेतिया 'अनु '
मां
मां
Amrit Lal
रिश्ता कभी खत्म नहीं होता
रिश्ता कभी खत्म नहीं होता
Ranjeet kumar patre
वक्त तुम्हारा साथ न दे तो पीछे कदम हटाना ना
वक्त तुम्हारा साथ न दे तो पीछे कदम हटाना ना
VINOD CHAUHAN
Loading...