Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Sep 2020 · 4 min read

कोरोना!एक वैश्विक आपदा

कोविड-19 एक वैश्विक आपदा है जिसने संपूर्ण विश्व के लोगों को घरों में बंद कर दिया है।सारा मीडिया जगत ही नहीं बल्कि हर ज़ुबां पर एक ही नाम है कोरोना।कोरोना भय,ख़ोफ़ का दूसरा नाम।आज सारा विश्व दहशत में है।छोटे शिशु से लेकर बुजुर्ग तक इस भंयकर बीमारी से पीड़ित हैं इसीलिए कोरोनो को कम नहीं आंका जा सकता।जहां एक ओर इससे वचाव हेतु बैक्सीन बनाने की बात कही जा रही है वहीं दूसरी तरफ अब तक इसके लक्षणों तक की सूची निर्धारित नहीं हो सकी है।कोरोना से चिकित्सा जगत ही नहीं साहित्य भी अछूता नहीं रहा।आज सभी पत्र- पत्रिकाओं के आवरण,लेख,काव्य,गद्य,पद्य,
लतीफे और संपादकीय कोरोना से जुड़े है।कोरोना मीडिया व पत्र-पत्रिकाओं का मुख्य विषय बन गया है।

कोविड-19 से जुड़े विशेषज्ञ रात-दिन इसकी दवा खोजने में जुटे हैं पर कोरोना से पीड़ित पॅजिटिव लोगों का आंकडा हर रोज़ बढ़ता ही जा रहा है।लाखों लोग अब तक कारोना से अपनी जान गवां चुके है।

इस बीमारी ने गरीब ही नहीं अमीर को भी और आम आदमी क्या इसने तो बड़े बड़े देशों के महामहीम,मंत्रियों के अलावा चिकित्सा तथा पुलिस व्यवस्था से जुड़े लोगों को नहीं छोड़ा।
हर ओर कोरोना!बस कोरोना!

कोरोना के कारण संपूर्ण जगत की अर्थव्यवस्था चरमरा गयी है।सभी देश आर्थिक मंदी की भयंकर मार से जूझ रहे हैं।पर यह कटु सत्य है इसका मुख्य कारण कोरोना और कोरोना को अधिक न फैलने के लिए हर जगह लाॅकडाऊन है।बाज़ार बंद,यातायात,शिक्षा व्यवस्था व निजी सरकारी कामकाज ठप्प।लगता है देश दस साल पीछे लौट गया हो।सोशल डिस्टैसिंग,मास्क प्रयोग,स्वच्छता व बेहतर इम्युनिटी सिस्टम ही इसे रोकने में अभी तक सबसे अधिक कारगर सिद्ध हुए हैं।किंतु कब तक फिर भी लाखों मौत!
आज हर देश कोरोना को दूर करने की दवाई खोजने का दावा कर रहा है पर सर्वों के अनुसार 2020 में इससे पूर्णतया निजात पाना मुश्किल ही दिख रहा है।

घरबंदी में घर से ऑफिस चल रहे हैं और शिक्षा जगत फिलहाल ऑनलाइन पर निर्भर है।मजदूर वर्ग में तो हाहाकार मचा है इसका कारण लाॅकडाऊन है तभी निर्धन तबका घर प्रस्थान को विवश है।यद्यपि सरकारी तंत्र भोजानादि की व्यवस्था को मुहैया करा रहा है अपितु धन उपार्जन एक विकट समस्या है।

कोराना एक खतरनाक वायरस है जो एक दूसरे से संक्रमित होता है इसी से कोरोना पीड़ितों का आंकडा दिन-प्रतिदिन बढ़ जाता है।भारतवर्ष भी कोरोना से इन दिनों से जूझ रहा है केवल दिल्ली मुंबई में आज तक पचास हज़ार से अधिक संक्रमित हैं और ये आंकड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है।अमेरीका में कोरोना वायरस से मौत का आंकडा अस्सी हज़ार पार कर चुका है।भारत ही नहीं सारे विश्व की रफ़्तार मानो थम गयी हो।कोरोना नित्य एक नये लक्षण के साथ अपने विकराल रूप में आ जाता है तभी नित्य हज़ारों लोगों को अपना ग्रास बना रहा है।

कोरोना से बचने के नये उपचार,तरीके,दवाइयां
व नियमों आदि की सूचनाएं प्रसारित हो रही है पर लाॅकडाऊन और सोशल डिस्टैसिंग ही एकमात्र बचाव है।
इम्यनिटी सिस्टम कोरोना के कहर को सहने का सफल तरीका है।यहां कुछ और नियम दिये जिनसे कोरोना से स्वयं को बचा सकते हैं

सरकारी जांच के अनुसार कोरोना पीड़ित में कुछेक लक्षण देखे गये हैं डिनका ज़िक्र करना यहां मुनासिब होगा।ये लक्षण निम्नलिखित हैं

कोरोना वायरस आपके फेफड़ों को संक्रमित करता है. इसके दो मूल लक्षण होते हैं बुख़ार और सूखी खांसी।कई बार इसके कारण व्यक्ति को सांस लेने में भी दिक्कत पेश आती है।

हम आपको यहां बता रहे हैं कि कोरोना वायरस संक्रमण कैसे फैलता है और इससे बचने के लिए आप क्या-क्या कर सकते हैं।

कोरोना के कारण होने वाली खांसी आम खांसी नहीं होती।इस कारण लगातार खांसी हो सकती है।यानी आपको एक घंटे या फिर उससे अधिक वक्त तक लगातार खांसी हो सकती है और 24 घंटों के भीतर कम से कम तीन बार इस तरह के दौरे पड़ सकते हैं।लेकिन अगर आपको खांसी में बलग़म आता है तो ये चिंता की बात हो सकती है।

इस वायरस के कारण शरीर का तापमान 37.8 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है जिस कारण व्यक्ति का शरीर गर्म हो सकता है और उसे ठंडी महसूस हो सकती है। व्यक्ति को शरीर में कंपकंपी भी महसूस हो सकती है।

इसके कारण गले में खराश, सिरदर्द और डाएरिया भी हो सकता है।हाल में आए एक ताज़ा शोध के अनुसार कुछ खाने पर स्वाद महसूस न होना और किसी चीज़ की गंध का महसूस न होना भी कोरोना वायरस का लक्षण हो सकता है।

माना जा रहा है कोरोना वायरस के लक्षण दिखना शुरु होने में औसतन पांच दिन का वक्त लग सकता है लेकिन कुछ लोगों में ये वक्त कम भी हो सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार वायरस के शरीर में पहुंचने और लक्षण दिखने के बीच 14 दिनों तक का समय हो सकता है।

कोरोना आज भयाभय स्थिति में है पर फिर भी सभी की आशा इस भयानक रोग से जल्द से जल्द मुक्ति पाना है।नये-नये उपक्रम,तकनीक
व बचाव औषधि का नित् उत्पादन हो रहा है।उम्मीद है कोरोना जल्द ही समाप्त होगा।
मनोज शर्मा
दिल्ली
9868310402
mannufeb22@gmail.com

Language: Hindi
Tag: लेख
3 Likes · 216 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
क्या हुआ ???
क्या हुआ ???
Shaily
श्री रामलला
श्री रामलला
Tarun Singh Pawar
"यादें"
Dr. Kishan tandon kranti
अपनों को दे फायदा ,
अपनों को दे फायदा ,
sushil sarna
मैं  गुल  बना  गुलशन  बना  गुलफाम   बना
मैं गुल बना गुलशन बना गुलफाम बना
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
राजनीतिक संघ और कट्टरपंथी आतंकवादी समूहों के बीच सांठगांठ: शांति और संप्रभुता पर वैश्विक प्रभाव
राजनीतिक संघ और कट्टरपंथी आतंकवादी समूहों के बीच सांठगांठ: शांति और संप्रभुता पर वैश्विक प्रभाव
Shyam Sundar Subramanian
मेरे पास नींद का फूल🌺,
मेरे पास नींद का फूल🌺,
Jitendra kumar
निरुपाय हूँ /MUSAFIR BAITHA
निरुपाय हूँ /MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
Dr arun kumar shastri
Dr arun kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
यादों के गुलाब
यादों के गुलाब
Neeraj Agarwal
जीवनसाथी
जीवनसाथी
Rajni kapoor
तन को कष्ट न दीजिए, दाम्पत्य अनमोल।
तन को कष्ट न दीजिए, दाम्पत्य अनमोल।
जगदीश शर्मा सहज
मैं तो महज पहचान हूँ
मैं तो महज पहचान हूँ
VINOD CHAUHAN
अक्ल के दुश्मन
अक्ल के दुश्मन
Shekhar Chandra Mitra
नव प्रबुद्ध भारती
नव प्रबुद्ध भारती
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
आपके अन्तर मन की चेतना अक्सर जागृत हो , आपसे , आपके वास्तविक
आपके अन्तर मन की चेतना अक्सर जागृत हो , आपसे , आपके वास्तविक
Seema Verma
*वो बीता हुआ दौर नजर आता है*(जेल से)
*वो बीता हुआ दौर नजर आता है*(जेल से)
Dushyant Kumar
बाल्यकाल (मैथिली भाषा)
बाल्यकाल (मैथिली भाषा)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
नए वर्ष की इस पावन बेला में
नए वर्ष की इस पावन बेला में
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सुन्दरता।
सुन्दरता।
Anil Mishra Prahari
💐प्रेम कौतुक-430💐
💐प्रेम कौतुक-430💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
फागुन
फागुन
पंकज कुमार कर्ण
रात क्या है?
रात क्या है?
Astuti Kumari
*अग्रसेन ने ध्वजा मनुज, आदर्शों की फहराई (मुक्तक)*
*अग्रसेन ने ध्वजा मनुज, आदर्शों की फहराई (मुक्तक)*
Ravi Prakash
एक खाली बर्तन,
एक खाली बर्तन,
नेताम आर सी
कहती गौरैया
कहती गौरैया
Dr.Pratibha Prakash
24/01.*प्रगीत*
24/01.*प्रगीत*
Dr.Khedu Bharti
■ सपनों में आ कर ■
■ सपनों में आ कर ■
*Author प्रणय प्रभात*
दिहाड़ी मजदूर
दिहाड़ी मजदूर
Vishnu Prasad 'panchotiya'
हाल ऐसा की खुद पे तरस आता है
हाल ऐसा की खुद पे तरस आता है
Kumar lalit
Loading...