Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jul 2021 · 1 min read

कोई तुझ सा नहीं….

कोई तुझसा नहीं —

तू इस-सा,उस-सा,किसी-सा नहीं
तू बस तुझ-सा,कोई तुझ-सा नहीं

बड़ी अनोखी संरचना प्रकृति की
कोई दिखता यहाँ, किसी-सा नहीं

गढ़ा है विलक्षण कुदरत ने सबको
वो तुझ-सा नहीं, तू उस-सा नहीं

नकल करे फिर क्यों तू किसी की
बन सकता जब तू किसी-सा नहीं

जगा स्वत्व और जान तू निज को
सोच ले मन में कोई मुझ सा नहीं

कम न आँक किसी से तू खुद को
कर सके काम कोई तुझ-सा नहीं

तू है अनूठा, तुझ-सा है बस तू ही
किसी और संग तेरा हिस्सा नहीं

जो बदा है किस्मत में ‘सीमा’ तेरी
वो नियति तेरी, कोई किस्सा नहीं

– सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद
“चाहत चकोर की” से

1 Like · 2 Comments · 426 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ.सीमा अग्रवाल
View all
You may also like:
आंसू
आंसू
नूरफातिमा खातून नूरी
*****गणेश आये*****
*****गणेश आये*****
Kavita Chouhan
दस्तूर ए जिंदगी
दस्तूर ए जिंदगी
AMRESH KUMAR VERMA
मिल जाते हैं राहों में वे अकसर ही आजकल।
मिल जाते हैं राहों में वे अकसर ही आजकल।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
वो रास्ता तलाश रहा हूं
वो रास्ता तलाश रहा हूं
Vikram soni
🙏🙏सुप्रभात जय माता दी 🙏🙏
🙏🙏सुप्रभात जय माता दी 🙏🙏
Er.Navaneet R Shandily
आलेख-गोविन्द सागर बांध ललितपुर उत्तर प्रदेश
आलेख-गोविन्द सागर बांध ललितपुर उत्तर प्रदेश
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
“BE YOURSELF TALENTED SO THAT PEOPLE APPRECIATE YOU THEMSELVES”
“BE YOURSELF TALENTED SO THAT PEOPLE APPRECIATE YOU THEMSELVES”
DrLakshman Jha Parimal
खुले लोकतंत्र में पशु तंत्र ही सबसे बड़ा हथियार है
खुले लोकतंत्र में पशु तंत्र ही सबसे बड़ा हथियार है
प्रेमदास वसु सुरेखा
# जिंदगी ......
# जिंदगी ......
Chinta netam " मन "
तू फ़रिश्ता है अगर तो
तू फ़रिश्ता है अगर तो
*Author प्रणय प्रभात*
नित तेरी पूजा करता मैं,
नित तेरी पूजा करता मैं,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
प्रकृति का विनाश
प्रकृति का विनाश
Sushil chauhan
यूं हर हर क़दम-ओ-निशां पे है ज़िल्लतें
यूं हर हर क़दम-ओ-निशां पे है ज़िल्लतें
Aish Sirmour
मौजीराम  (कुंडलिया)
मौजीराम (कुंडलिया)
Ravi Prakash
लतिका
लतिका
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मैयत
मैयत
शायर देव मेहरानियां
राष्ट्रभाषा
राष्ट्रभाषा
Prakash Chandra
ग़़ज़ल
ग़़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
💐अज्ञात के प्रति-108💐
💐अज्ञात के प्रति-108💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
आज हमने सोचा
आज हमने सोचा
shabina. Naaz
यात्राओं से अर्जित अनुभव ही एक लेखक की कलम की शब्द शक्ति , व
यात्राओं से अर्जित अनुभव ही एक लेखक की कलम की शब्द शक्ति , व
Shravan singh
2616.पूर्णिका
2616.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
लड़ते रहो
लड़ते रहो
Vivek Pandey
प्रिये का जन्म दिन
प्रिये का जन्म दिन
विजय कुमार अग्रवाल
तुम्हें आती नहीं क्या याद की  हिचकी..!
तुम्हें आती नहीं क्या याद की हिचकी..!
Ranjana Verma
"किताब और कलम"
Dr. Kishan tandon kranti
कोरी आँखों के ज़र्द एहसास, आकर्षण की धुरी बन जाते हैं।
कोरी आँखों के ज़र्द एहसास, आकर्षण की धुरी बन जाते हैं।
Manisha Manjari
ये मन रंगीन से बिल्कुल सफेद हो गया।
ये मन रंगीन से बिल्कुल सफेद हो गया।
Dr. ADITYA BHARTI
परशुराम का परशु खरीदो,
परशुराम का परशु खरीदो,
Satish Srijan
Loading...