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22 Sep 2021 · 1 min read

कोई ओर मिला

मेरा हम सफ़र कोई ओर था
मुझको मंजिल पर कोई ओर मिला

इक आहट से चकनाचूर हुए
जो ख़्वाब बसे थे निगाहों में
किस्मत ने मुझसे छिन लिया
मैंने मांगा था जिसे दुआओं में
मेरी सारी दुआओं का मुझको
हासिल पर कोई ओर मिला
मेरा हम सफ़र कोई ओर था
मुझको मंजिल पर कोई ओर मिला

कुछ रस्मों रिवाज़ो की खातिर
में कुछ कसमें वादे तोड़ आया
जाना था दूर तलक साथ जिसके
उसे बीच सफ़र में ही छोड़ आया
मेरे संग डूबा कोई ओर था मुझको
साहिल पर कोई ओर मिला

मेरा हम सफ़र कोई ओर था
मुझको मंजिल पर कोई ओर मिला

Language: Hindi
217 Views
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