Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Aug 2021 · 1 min read

कोई आसमान छूना चाहे तो छू सकता है !

कोई आसमान छूना चाहे तो छू सकता है !
•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••
⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

कोई अगर आसमान छूना चाहे तो छू सकता है !
कोई अगर गटर में गिरना चाहे तो गिर सकता है !
ये केवल उसपे निर्भर करता है कि वो चाहता क्या है !
ये उसकी गतिविधियों पे ही पूरी तरह निर्भर करता है !!

अगर भूलवश भी आप रास्ते ग़लत चुन लेते हैं !
तो लाख कोशिश कर लें, आप उबर नहीं पाते हैं !
सारे के सारे मेहनत आपके बेकार चले जाते हैं !
आपकी सारी उम्मीदों पे ही पानी फिर जाते हैं !!

केवल रास्ते ही नहीं सारे दोस्त भी अपने सही चुनें !
क्योंकि दोस्त भी प्रायः गलत रास्ते पर ले जाते हैं !
आज के ज़माने में ऐसे ही दोस्त हर जगह भरे पड़े हैं !
उन्हें कुछ नहीं बिगड़ता कि उनके साथी का क्या होगा !
उन्हें बस,अपनी ही धुन है कि उनका तो सदा भला होगा !!

आज लोगों का वश चले तो दोस्तों को भी बेच डाले !
सारी नैतिकता गॅंवाकर बस, अपना ही भला कर डाले !
केवल दोस्त ही नहीं, राहों के सारे हमराही को मसल डाले !
अपनी स्वार्थ सिद्धि के क्रम में खुद का भी ईमान बेच डाले !!

इसीलिए आज के ज़माने में सबको जागरूक हो जाना है !
कैसे, कब क्या निर्णय लेना है इसपे गहन चिंतन करना है !
सदा सकारात्मक सोच के साथ ही आगे की राह बनाना है !
कदापि गटर की नहीं, आसमान छूने की ही राह चलना है !!

स्वरचित एवं मौलिक ।

अजित कुमार “कर्ण” ✍️✍️
किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : 18-08-2021.
“””””””””””””””””””””””””””””
????????

Language: Hindi
5 Likes · 695 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
छद्म शत्रु
छद्म शत्रु
Arti Bhadauria
किसी का प्यार मिल जाए ज़ुदा दीदार मिल जाए
किसी का प्यार मिल जाए ज़ुदा दीदार मिल जाए
आर.एस. 'प्रीतम'
मुझे धरा पर न आने देना
मुझे धरा पर न आने देना
Gouri tiwari
शीर्षक:जय जय महाकाल
शीर्षक:जय जय महाकाल
Dr Manju Saini
परछाई (कविता)
परछाई (कविता)
Indu Singh
प्रभु की लीला प्रभु जाने, या जाने करतार l
प्रभु की लीला प्रभु जाने, या जाने करतार l
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
नन्हीं सी प्यारी कोकिला
नन्हीं सी प्यारी कोकिला
जगदीश लववंशी
शाम
शाम
N manglam
दो शरण
दो शरण
*Author प्रणय प्रभात*
मेरे छिनते घर
मेरे छिनते घर
Anjana banda
यह ज़िंदगी है आपकी
यह ज़िंदगी है आपकी
Dr fauzia Naseem shad
4-मेरे माँ बाप बढ़ के हैं भगवान से
4-मेरे माँ बाप बढ़ के हैं भगवान से
Ajay Kumar Vimal
सुंदरता विचारों में सफर करती है,
सुंदरता विचारों में सफर करती है,
सिद्धार्थ गोरखपुरी
"वक्त-वक्त की बात"
Dr. Kishan tandon kranti
नए पुराने रूटीन के याचक
नए पुराने रूटीन के याचक
Dr MusafiR BaithA
प्रकृति ने चेताया जग है नश्वर
प्रकृति ने चेताया जग है नश्वर
Buddha Prakash
दो अपरिचित आत्माओं का मिलन
दो अपरिचित आत्माओं का मिलन
Shweta Soni
*होली के दिन घर गया, भालू के खरगोश (हास्य कुंडलिया)*
*होली के दिन घर गया, भालू के खरगोश (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
आते ही ख़याल तेरा आँखों में तस्वीर बन जाती है,
आते ही ख़याल तेरा आँखों में तस्वीर बन जाती है,
डी. के. निवातिया
कविता(प्रेम,जीवन, मृत्यु)
कविता(प्रेम,जीवन, मृत्यु)
Shiva Awasthi
श्राद्ध ही रिश्तें, सिच रहा
श्राद्ध ही रिश्तें, सिच रहा
Anil chobisa
उसे लगता है कि
उसे लगता है कि
Keshav kishor Kumar
पर्यावरण संरक्षण
पर्यावरण संरक्षण
Pratibha Pandey
छोड़ चली तू छोड़ चली
छोड़ चली तू छोड़ चली
gurudeenverma198
चुल्लू भर पानी में
चुल्लू भर पानी में
Satish Srijan
मुक्तक
मुक्तक
पंकज कुमार कर्ण
सपने तेरे है तो संघर्ष करना होगा
सपने तेरे है तो संघर्ष करना होगा
पूर्वार्थ
गांव की याद
गांव की याद
Punam Pande
आंख पर पट्टी बांधे ,अंधे न्याय तौल रहे हैं ।
आंख पर पट्टी बांधे ,अंधे न्याय तौल रहे हैं ।
Slok maurya "umang"
2575.पूर्णिका
2575.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
Loading...