Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jan 2019 · 1 min read

कॉलेज का अंतिम दिन

वो कॉलेज का था अंतिम दिन
आंखो मे नमी सी थी
मुकम्मल तो बहुत कुछ था
मगर थोड़ी कमी भी थी
कमी थी ये कि अपने दोस्त सब दूर जाने थे
जो गुजरे थे हसी लम्हे मगर कब लौट आने थे
अंदर से दुखी थे सब
होठों पर हसी भी थी
मुकम्मल तो बहुत कुछ था
मगर थोड़ी कमी भी थी
वहां केण्टीन की चाय ने सभी यादें संभाली थी
यारों की हसीन दुनिया लगी सच मे निराली थी
कुछ सपने हमारे थे
और नीचे जमीं भी थी
मुकम्मल तो बहुत कुछ था ………
कॉलेज की सभी यादें समेटे ले चले हैं अब
सभी गुरुजन सभी यारों को अलविदा कह चले हैं अब
लिखे अल्फाज़ ‘भंडारी’ कहानी अनकही सी थी
मुकम्मल तो बहुत कुछ था
मगर थोड़ी कमी भी थी

Language: Hindi
1 Like · 1937 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
गवाह तिरंगा बोल रहा आसमान 🇧🇴
गवाह तिरंगा बोल रहा आसमान 🇧🇴
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
कल्पनाओं की कलम उठे तो, कहानियां स्वयं को रचवातीं हैं।
कल्पनाओं की कलम उठे तो, कहानियां स्वयं को रचवातीं हैं।
Manisha Manjari
हिडनवर्ग प्रपंच
हिडनवर्ग प्रपंच
मनोज कर्ण
होली
होली
Manu Vashistha
पहचान
पहचान
Seema gupta,Alwar
"अभिव्यक्ति"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं भी डरती हूॅं
मैं भी डरती हूॅं
Mamta Singh Devaa
#अभिनंदन-
#अभिनंदन-
*Author प्रणय प्रभात*
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
दुम कुत्ते की कब हुई,
दुम कुत्ते की कब हुई,
sushil sarna
तुम मेरे बाद भी
तुम मेरे बाद भी
Dr fauzia Naseem shad
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
तेरी तस्वीर को लफ़्ज़ों से संवारा मैंने ।
तेरी तस्वीर को लफ़्ज़ों से संवारा मैंने ।
Phool gufran
एक छोटी सी रचना आपसी जेष्ठ श्रेष्ठ बंधुओं के सम्मुख
एक छोटी सी रचना आपसी जेष्ठ श्रेष्ठ बंधुओं के सम्मुख
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
गाए जा, अरी बुलबुल
गाए जा, अरी बुलबुल
Shekhar Chandra Mitra
जाड़ा
जाड़ा
नूरफातिमा खातून नूरी
सत्य प्रेम से पाएंगे
सत्य प्रेम से पाएंगे
महेश चन्द्र त्रिपाठी
https://youtube.com/@pratibhaprkash?si=WX_l35pU19NGJ_TX
https://youtube.com/@pratibhaprkash?si=WX_l35pU19NGJ_TX
Dr.Pratibha Prakash
मतलब नहीं माँ बाप से अब, बीबी का गुलाम है
मतलब नहीं माँ बाप से अब, बीबी का गुलाम है
gurudeenverma198
सत्य की खोज
सत्य की खोज
लक्ष्मी सिंह
2661.*पूर्णिका*
2661.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गीत
गीत
Shiva Awasthi
पड़े विनय को सीखना,
पड़े विनय को सीखना,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
🙏🙏सुप्रभात जय माता दी 🙏🙏
🙏🙏सुप्रभात जय माता दी 🙏🙏
Er.Navaneet R Shandily
तत्काल लाभ के चक्कर में कोई ऐसा कार्य नहीं करें, जिसमें धन भ
तत्काल लाभ के चक्कर में कोई ऐसा कार्य नहीं करें, जिसमें धन भ
Paras Nath Jha
" कटु सत्य "
DrLakshman Jha Parimal
धरती पर स्वर्ग
धरती पर स्वर्ग
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सर्वप्रिय श्री अख्तर अली खाँ
सर्वप्रिय श्री अख्तर अली खाँ
Ravi Prakash
मेरी देह बीमार मानस का गेह है / मुसाफ़िर बैठा
मेरी देह बीमार मानस का गेह है / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
ध्यान में इक संत डूबा मुस्कुराए
ध्यान में इक संत डूबा मुस्कुराए
Shivkumar Bilagrami
Loading...