कॉरोना के कहर
(१)जब कोरोना क कहर बढल
सगरो लाकडाउन लागल बा
कुछ लोगन के महामारी में भी
घुमले के चस्का लागल बा
(२)जे कब्बो ना फोन करे
उ दो घंटा बतीआवत बा
उ जानत बा जो बहरे जाब त
पुलिस पकड लतियावत बा
(३)केहू भुखी से मरत बा
के लिट्टि चोखा काटत बा
कहू आपन पेटवा काट काट
लोगन के रोटी बाटत बा
(४)अमेरीका और इटली के जब
टिवी खबर देखावत बा
जे विश्व में नम्बर वन बाटे
उनहू के नाच नचावत बा
(५) मोदी और योगी कहत बाटे
कि घर रहा ये बाबू
जियबा तब दूनिया देखी लिहा
अबहीन धरा दिल पे काबू
(६) मानवता के दुश्मन मानव बा
बस आपने मन के करत बा
कुछ लोग ऐहु महामारी में
बस लुट लुट के धरत बा
(७) कुछ पावे के जे घर छोडलस
तरसत बा घरे आवे के
सब छोड शहरीया भागत बा
बस आपन जान बचावेके
(८) हम पुछत बाटी लोगन से
का सबसे गईल किसान बाटे
सरहद पे लईका मरत बा
रोडे पे उनकर जान बाटे
(९) अबहीन मौका सुधर जा तू
नहीं ते किस्मत फूटी जाई
सेना के माथा फिर गईल त
घर से निकलल फिर छुट जाई
(१०) यदी हम सब घर में रहल जाई भारत इतिहास इ रच जाई
यदी गलती हम सब करी बैठब
त ई भारत नाई बच पाई
त भारत नाई बच पाई
जय हिंद जय भारत
लेखक =कौशल किशोर पाण्डेय (नादान)