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1 Mar 2018 · 1 min read

कैसे रंगों की होली आई

होली आई
होली आई
कैसे रंगों की होली आई
हर कोई अपने रंग रंगा है
इक दूजे कीचड़ उछला है

शर्म करो माटी के पुतलों
बात बात में रंग न बदलो
कीचड़ की होली ना खेलो
देश प्रेम के रंग उडेलो

सियासत के रंगों की होली
झूठ में डूबी इनकी टोली
तुम इनसे जरा बचके रहना
रंग प्यार के बस तुम रंगना

लाल गुलाल में महक मिलाओ
इक दूजे को गले लगाओ
छोड़ो नफ़रत के रंगो को
माथे तिलक प्यार से रंग दो

केसरिया रंग माटी का है
हरा रंग खुशहाली का
सफेद रंग से रंगा आसमॉ
रंग बिखेरे शान्ति का

Language: Hindi
364 Views
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