Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Mar 2020 · 3 min read

कोरोना दिखा रहा डर भारी!

कोरोना दिखा रहा डर भारी,
यात्रा को निकले थे हम घर से, सपरिवार यह यात्रा हमारी, तिरुपति बाला जी की! के दर्शन को बनी थी योजना हमारी!
पुत्र सेवा में है,इस प्रदेश के निकट,साथ में रहती बहू हमारी!
घर से चले हम बैंगलूरु ,इंडिगो में थी टिकट हमारी!
पहुँचे बंगलोर में हम, हमें लेने आए थे, पुत्र-बहू हमारे!
एम जे आर के फ्लैट में, किराए दार है अजय कृष्ण पुत्र हमारे!
आकर किया विश्राम वहाँ! फिर करने लगे चलने की तैयारी!
श्री तिरुपति बाला जी के दर्शन को!तय थी तिथि हमारी!
दर्शन करने को चले ,लेकर हम वहाँ से सवारी,
प्रथम दर्शन हम सिद्धि विनायक गणपति जी को ध्याये,
दूजे दर्शन पापनाशनी माँ गंगा जी के पाए!
तीसरे दर्शन को आगे बढे,जहाँ विराजमान हैं हनुमान!
संकट मोचक है इनका नाम !
आकाश गंगा की जल धारा है यहाँ बहती!
चट्टानो के मध्य यह रहती!
समय था,भोजन पाने का,भोजन मिला यहां भोग-प्रसाद का !
भोग प्रसाद को धारण कर आए ,अब दर्शन है शेष हमारे!
दर्शनार्थियों का अंबार लगा है, कपाट खुलने का समय हुआ है!
खुलते ही कपाट भगदड सी आई, अन्दर जाने की धकम धकाई
धीरे-धीरे होले -होले बढते जाते,जय-जय के जयकारे लगाते!
दर्शन को निकट हम आए,प्रभु तिरुपति बाला जी के दर्शन पाए!
प्रसाद वितरण की व्यवस्था निराली,प्रसाद में मिलता लड्डू इत्यादि
अगला पड़ाव है दर्शन माता का-जहाँ विराजित तिरुमतीमाला!
इस प्रकार हम दर्शन पाए! लौटकर हम क्वाटर पर आए।
अगली यात्रा थी रामेश्वर जी की,यहाँ पर भी निर्धारित थी तिथि!
हम प्रतिक्छा कर रहे थे, तिथि आने की!
तिथि के आने से पूर्व कोरोना आया,यात्रा पर संकट मंडराया !
कैरोना दिखा रहा डर भारी, घोषित हो गई यह महामारी !
इसके कहर से बाजार थर्राया,शेयर बाजार पर संकट की छाया!
लुढ़क-लुुढक कर गोते खाए, कल कारखाने पर बंदी छाए!
होटल-मौल सब सूनसान पडे हैं,स्कूल-कालेज भी बंद पडे हैं!
अब हम घर पर बैठे समय गुजारें,
दिन काटे कटता नही,नही कटती है रात,
करवट बदल-बदल कर ,बीत रही दिन-रात!
बीत रही दिन-रात,कैसी है यह लाचारी?
कोरोना दिखा रहा डर भारी, घोषित हो गई यह महामारी!
कोरोना ने आकर खड़ी कर दी दिवार,हम बैठे हैं लाचार,
अरे, अपनी तो बिसात ही क्या? यह हुकमरानो की राह रोक रहा!
हुए इससे सब परेशान!अमेरिका,फ्रांस,कोरिया-जापान!
इजरायल भी घबराया है,स्पेन-इटली-ईरान में तो कहर ढाया है
कोष रहे हैं चीन को,यह कैसा वायरस पनपाया है!
श्रेष्ठता की दौड़ में बने हुए हैं अभिमानी,
कोरोना याद करा रही है, इनको! इनकी नानी!
हम पा लेंगे पार इससे,यह संकल्प धारा है,
योग-ध्यान-संयम,और विश्व बंधुत्व मूल मंत्र हमारा है!
कोरोना आया-कोरोना आया,यह डर हमें भगाना है!
नित्य नियम की पालना,नित्य हमें निभाना है!
हाथ मिलाने की परम्परा, यह हमारी है नही!
हाथ जोड़कर करें अभिवादन ,अपने बुजुर्ग बताते यही!
आओ मिलकर करें सामना,दूर भगाएं यहां से कोरोना!
दूर -दराज-व एकांत में रह कर हम जी लेते है!
तप- तपस्या रही है दिनचर्या हमारी!!
यदि यही उपाय है इससे बचने का,
तो इसे निभाने की लेते हैं जिम्मेदारी!
जो, दिखाता कोरोना डर भारी,तो मिलकर लडेंगे यह जंग सारी!
रहेगा प्रयास हमारा ये जारी !! जय भारत -जय भारती गूँज उठी है! कोरोना के विषाणु-जीवाणु के कीटाणु को भगाना है,
करके इसका विनाश, इसको समूल मिटाना है!!
अपने भारत वर्ष में, माँ भारती को सर्वोच्च स्थान दिलाना है।।

Language: Hindi
1 Like · 233 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Jaikrishan Uniyal
View all
You may also like:
2715.*पूर्णिका*
2715.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तुझसे कुछ नहीं चाहिये ए जिन्दगीं
तुझसे कुछ नहीं चाहिये ए जिन्दगीं
Jay Dewangan
मन को भाये इमली. खट्टा मीठा डकार आये
मन को भाये इमली. खट्टा मीठा डकार आये
Ranjeet kumar patre
पिता
पिता
Swami Ganganiya
मर्यादापुरुषोतम श्री राम
मर्यादापुरुषोतम श्री राम
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
तितली रानी
तितली रानी
Vishnu Prasad 'panchotiya'
वह पढ़ता या पढ़ती है जब
वह पढ़ता या पढ़ती है जब
gurudeenverma198
*तैयारी होने लगी, आते देख चुनाव (कुंडलिया)*
*तैयारी होने लगी, आते देख चुनाव (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
वही पर्याप्त है
वही पर्याप्त है
Satish Srijan
मातृत्व
मातृत्व
साहित्य गौरव
*खो दिया सुख चैन तेरी चाह मे*
*खो दिया सुख चैन तेरी चाह मे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ज़िंदगी क्या है ?
ज़िंदगी क्या है ?
Dr fauzia Naseem shad
मैं जिंदगी हूं।
मैं जिंदगी हूं।
Taj Mohammad
अगर दिल में प्रीत तो भगवान मिल जाए।
अगर दिल में प्रीत तो भगवान मिल जाए।
Priya princess panwar
सदा खुश रहो ये दुआ है मेरी
सदा खुश रहो ये दुआ है मेरी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
प्यार को शब्दों में ऊबारकर
प्यार को शब्दों में ऊबारकर
Rekha khichi
💐प्रेम कौतुक-476💐
💐प्रेम कौतुक-476💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सीरिया रानी
सीरिया रानी
Dr. Mulla Adam Ali
रौशनी को राजमहलों से निकाला चाहिये
रौशनी को राजमहलों से निकाला चाहिये
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
फितरत
फितरत
kavita verma
■ आई बात समझ में...?
■ आई बात समझ में...?
*Author प्रणय प्रभात*
फितरत
फितरत
Kanchan Khanna
मन सीत मीत दिलवाली
मन सीत मीत दिलवाली
Seema gupta,Alwar
जीवन में मोह माया का अपना रंग है।
जीवन में मोह माया का अपना रंग है।
Neeraj Agarwal
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
भरी रंग से जिंदगी, कह होली त्योहार।
भरी रंग से जिंदगी, कह होली त्योहार।
Suryakant Dwivedi
क्या कहा, मेरी तरह जीने की हसरत है तुम्हे
क्या कहा, मेरी तरह जीने की हसरत है तुम्हे
Vishal babu (vishu)
Stop use of Polythene-plastic
Stop use of Polythene-plastic
Tushar Jagawat
" कटु सत्य "
DrLakshman Jha Parimal
विजयनगरम के महाराजकुमार
विजयनगरम के महाराजकुमार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...