कैद में एक पंछी
हमसे भूल हुई एक भारी ,
जो अपनी आजादी को लात मारी ।
ऐसे तकदीर ने पंख काटे की उड़ना है मुश्किल ,
अब कैद में गुजरेगी पंछी की उम्र सारी ।
हमसे भूल हुई एक भारी ,
जो अपनी आजादी को लात मारी ।
ऐसे तकदीर ने पंख काटे की उड़ना है मुश्किल ,
अब कैद में गुजरेगी पंछी की उम्र सारी ।