Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Aug 2021 · 1 min read

“कृष्णा” (श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष)

कृष्णा
⭐⭐⭐

‘मथुरा’ के , जेल में जन्मे;
देवकी के, 8 वें संतान ये;
‘वासुदेव’ पिता थे, इनके;
बाद में बन गए, श्याम ये।
यशोदा-नंद ने, इन्हें पाला,
गोकुल बना था रखवाला,
कहलाए तब तो ये ग्वाला,
हुए राजा ‘द्वारकाधाम’ ये।
राधा बन गई इनकी जान,
रुक्मिणी, इनकी पहचान;
बाकी गोपियों के,ये प्यारे;
सब इनको कान्हा पुकारे।
कोई बोले इनको कन्हैया;
कोई कहता , मुरलीवाला;
सुदर्शन-चक्र, यही चलाए;
बड़ा नटखट ये नंदलाला।
हर संकट, इससे शरमाए;
सबके कष्ट ये, दूर भगाए;
भक्तों के यह, काम आए;
ये लड़का है, बांसूरीवाला।
श्यामल सा है वर्ण इनका,
सदा न्यायिक कर्म इनका,
अर्जुन का ये , बने सारथी;
गीता का ये मर्म समझाए।
यशोदा माता के, ये दुलारे;
दोस्तों के ये , सबसे प्यारे;
मुख में इनके हैं, सृष्टि सारे;
सारे दानव इनसे सदा हारे।
देवकी पुत्र ये हैं , कहलाते;
सदा ये, माखन चुरा खाते;
यशोदा माता को, बहलाते;
कालियानाग को ये भगाते।
पूरा जग करे, इनका वंदन;
ये कहलाते , वासुदेव नंदन;
मिटा दे , जो सबकी तृष्णा;
नाम है उसका ही, “कृष्णा”।

*********************

……✍️पंकज ‘कर्ण’
………….कटिहार।।

Language: Hindi
6 Likes · 4 Comments · 814 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from पंकज कुमार कर्ण
View all
You may also like:
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ३)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ३)
Kanchan Khanna
गीत मौसम का
गीत मौसम का
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
दुनियां कहे , कहे कहने दो !
दुनियां कहे , कहे कहने दो !
Ramswaroop Dinkar
आज की जरूरत~
आज की जरूरत~
दिनेश एल० "जैहिंद"
मुद्दत से संभाला था
मुद्दत से संभाला था
Surinder blackpen
बेवजह ख़्वाहिशों की इत्तिला मे गुज़र जाएगी,
बेवजह ख़्वाहिशों की इत्तिला मे गुज़र जाएगी,
शेखर सिंह
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
भावनाओं का प्रबल होता मधुर आधार।
भावनाओं का प्रबल होता मधुर आधार।
surenderpal vaidya
नाजायज इश्क
नाजायज इश्क
RAKESH RAKESH
"हूक"
Dr. Kishan tandon kranti
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हमारी शाम में ज़िक्र ए बहार था ही नहीं
हमारी शाम में ज़िक्र ए बहार था ही नहीं
Kaushal Kishor Bhatt
ये दुनिया है आपकी,
ये दुनिया है आपकी,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"लोग क्या कहेंगे" सोच कर हताश मत होइए,
Radhakishan R. Mundhra
तेरे हक़ में
तेरे हक़ में
Dr fauzia Naseem shad
ख़ुश-फ़हमी
ख़ुश-फ़हमी
Fuzail Sardhanvi
परम तत्व का हूँ  अनुरागी
परम तत्व का हूँ अनुरागी
AJAY AMITABH SUMAN
मैं तुलसी तेरे आँगन की
मैं तुलसी तेरे आँगन की
Shashi kala vyas
हरसिंगार
हरसिंगार
Shweta Soni
भगवन नाम
भगवन नाम
लक्ष्मी सिंह
जब वक्त ने साथ छोड़ दिया...
जब वक्त ने साथ छोड़ दिया...
Ashish shukla
धोखे का दर्द
धोखे का दर्द
Sanjay ' शून्य'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
" मुशाफिर हूँ "
Pushpraj Anant
मरहटा छंद
मरहटा छंद
Subhash Singhai
■ एक और शेर ■
■ एक और शेर ■
*Author प्रणय प्रभात*
*गुरुओं से ज्यादा दिखते हैं, आज गुरूघंटाल(गीत)*
*गुरुओं से ज्यादा दिखते हैं, आज गुरूघंटाल(गीत)*
Ravi Prakash
कहने को तो इस जहां में अपने सब हैं ,
कहने को तो इस जहां में अपने सब हैं ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
जीवन की सच्चाई
जीवन की सच्चाई
Sidhartha Mishra
व्यवहार अपना
व्यवहार अपना
Ranjeet kumar patre
Loading...