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15 Aug 2017 · 1 min read

कुल दीपक

निरंजन की पडोस वाली भाभीजी आज जैसे तय करके आईं थी कि उसे समझा कर ही जायेंगी ,बेटी कैसी हो?
अरे निरंजन भई तुम्हारी बेटी के बारे में सारा मुहल्ला खुसर फुसर कर रहा है, बच्ची में लड़कियों वाली कोई बात ही नहीं…
लडका बनी,सारी दुनिया में बेझिझक घूमती फिरती है,खुद तुम चलने से लाचार , लड़की से कौन जंग लड़वानी है जो उसे इतनी आजादी दे रक्खी है…
पता नहीं कोई जम्मेदारी भी उठा पाएगी या हमारी नाक कटवायेगी !
कहते कहते भाभीजी चक्कर खा कर गिर पडीं..
होश आया तो सामने खड़ा डाक्टर लड़की से कह रहा था ‘शाबाश बेटी तेरे जैसे कुलदीपक हों तो और क्या चाहिए !इन्हे समय पर मदद न मिलती तो लकवा हो जाता …
अपर्णा थपलियाल”रानू”
१४ .०८.२०१७

Language: Hindi
400 Views
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