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28 Feb 2017 · 1 min read

कुन्डलियां :– माँ

कुन्डलियां :– माँ

माँ में ममता , वात्स्यना ,
मोह , मृदुल , मुस्कान ।

इक पावन स्पर्श ही ,
महकाए गुलदान ।

महकाए गुलदान ,
खिले फल मीठे सुन्दर।

एक मनोहर गंध ,
मिलेगी उसके ऊपर ।।

कहे “अनुज” अनमोल ,
नहीँ है कोई समता ।

जगजाहिर है प्यार ,
बड़ी निश्छल है ममता ॥

रचनाकार :– अनुज तिवारी “इंदवार ”

नोट :–
वात्स्यना शब्द कहीँ भी किसी भी शब्दकोष में नहीँ मिलेगा !
इसका उपयोग मैंने अपनी इस रचना के अनुरूप किया है , जिसका अर्थ (वात्स्यना :- माँ का वात्सल्य प्रेम )है ।

1 Like · 1 Comment · 516 Views
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