Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jun 2021 · 2 min read

कुदरत के साइंटिस्ट

माँ – माँ देखो बाहर वाले कमरे के रौशनदान में चिड़िया अपना घौंसला लगा रही है मीता ने जोर – जोर से जोर से माँ को आवाज लगाई । हाँ बेटा उसको अंडे देने होगें ये पक्षी भी अपना ठिकाना ढ़ूंढ लेते है…बेटा एक बात का ध्यान रखना शाम से पहले दरवाज़ा मत बंद करना , माँ ने उसके कौतूहल को शांत करते हुये कहा । दो – तीन दिन की लगातार मेहनत के बाद चिड़िया ने अपना घोसला तैयार कर लिया लेकिन ये क्या ? चौथे ही दिन इतनी मेहनत से बनाये अपने घौंसले को तोड़ कर कमरे में गिरा दिया , ये देख मीता ने चिल्लाते हुये माँ को बुलाया माँss माँss चिड़िया ने अपना घौंसला गिरा दिया…. माँ तेजी से चलते हुये आईं और टूटे घौंसले को देख कर बोलीं ‘ हे भगवान ! क्या विपदा आने वाली है ‘ ये सुन मीता बोली माँ तुम ये क्यों बोल रही हो ? बेटा इस पशु – पक्षियों को आने वाली विपदा का अहसास पहले से ही हो जाता है । शाम को फोन की घंटी घनघनाई…हैलो…हैलो…हाँ मीना ( मीता की बड़ी बहन जो घर कॉलेज दूर होने की वजह से शहर के ही हॉस्टल में रहती है ) की माँ बोल रही हूँ… क्या ? मीना को ‘ चिकन पॉक्स ‘ हुआ है ? अच्छा मैं आ कर उसको घर ले आती हूँ । मीता इधर आना बेटा…देख मैं और तेरे पापा हॉस्टल जा रहे हैं दीदी को लेने उसको ‘ चिकन पॉक्स ‘ हुआ है उसका कमरा ठीक कर देना बहुत फैला रखा है तूने । माँ – पापा के जाते ही मीता सोचने लगी पशु – पक्षियों को आने वाली बिमारी , प्रलय , मृत्यु सबका आभास पहले से हो जाता है तभी तो चिड़िया ने अपना बसेरा उजाड़ दिया , ये तो वाकई साइंस से भी आगे कुदरत के साइंटिस्ट हैं ।

स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 19/05/2021 )

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 384 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तेरी मिट्टी के लिए अपने कुएँ से पानी बहाया है
तेरी मिट्टी के लिए अपने कुएँ से पानी बहाया है
'अशांत' शेखर
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
माँ
माँ
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मैं अक्सर उसके सामने बैठ कर उसे अपने एहसास बताता था लेकिन ना
मैं अक्सर उसके सामने बैठ कर उसे अपने एहसास बताता था लेकिन ना
पूर्वार्थ
मानो जीवन को सदा, ट्वंटी-ट्वंटी खेल (कुंडलिया)
मानो जीवन को सदा, ट्वंटी-ट्वंटी खेल (कुंडलिया)
Ravi Prakash
मेरे मुक्तक
मेरे मुक्तक
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
कुछ अनुभव एक उम्र दे जाते हैं ,
कुछ अनुभव एक उम्र दे जाते हैं ,
Pramila sultan
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
सॉप और इंसान
सॉप और इंसान
Prakash Chandra
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
नहीं मतलब अब तुमसे, नहीं बात तुमसे करना
नहीं मतलब अब तुमसे, नहीं बात तुमसे करना
gurudeenverma198
🌹🌹🌹फितरत 🌹🌹🌹
🌹🌹🌹फितरत 🌹🌹🌹
umesh mehra
💐प्रेम कौतुक-490💐
💐प्रेम कौतुक-490💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सत्य कर्म की सीढ़ी चढ़कर,बिना किसी को कष्ट दिए जो सफलता प्रा
सत्य कर्म की सीढ़ी चढ़कर,बिना किसी को कष्ट दिए जो सफलता प्रा
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
World Book Day
World Book Day
Tushar Jagawat
थकावट दूर करने की सबसे बड़ी दवा चेहरे पर खिली मुस्कुराहट है।
थकावट दूर करने की सबसे बड़ी दवा चेहरे पर खिली मुस्कुराहट है।
Rj Anand Prajapati
3165.*पूर्णिका*
3165.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हंसगति
हंसगति
डॉ.सीमा अग्रवाल
The Magical Darkness
The Magical Darkness
Manisha Manjari
"जिन्हें तैरना नहीं आता
*Author प्रणय प्रभात*
Quote
Quote
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
पुश्तैनी दौलत
पुश्तैनी दौलत
Satish Srijan
गौतम बुद्ध है बड़े महान
गौतम बुद्ध है बड़े महान
Buddha Prakash
अभी तो रास्ता शुरू हुआ है।
अभी तो रास्ता शुरू हुआ है।
Ujjwal kumar
करवाचौथ
करवाचौथ
Dr Archana Gupta
अंतस का तम मिट जाए
अंतस का तम मिट जाए
Shweta Soni
एक चिंगारी ही काफी है शहर को जलाने के लिए
एक चिंगारी ही काफी है शहर को जलाने के लिए
कवि दीपक बवेजा
दोहा छन्द
दोहा छन्द
नाथ सोनांचली
Safed panne se rah gayi h meri jindagi
Safed panne se rah gayi h meri jindagi
Sakshi Tripathi
चूड़ियां
चूड़ियां
Madhavi Srivastava
Loading...