कुत्ते की अभिलाषा
))))कुत्ते की अभिलाषा((((
==================
बफादारी देख कुत्ते की प्रभु मुस्कुराये
छोड़ स्वर्ग की अनुपम छटा तुरन्त धरा पर आये।
बोले मुझसे वर मांग आज मैं प्रशन्न हू,
तेरी स्वामिभक्ति को देख-देख मैं शन्न हूँ
सोचता हूँ अब तुझे इनाम कुछ बड़ा दूं
अगले जनम कुत्ते से इंसान तुम्हें बनादू,
उद्विग्न होगया कुत्ता और थोड़ा सा घबराया
कपकपाते लहजे में वह ईश्वर से फरमाया
वर देने की बात कर यूं सजा न सुनाना
मेरे प्रभु मुझे किसी जन्म इंसान न बनाना
जो इंसान बनाया मुझको इमान कहाँ से लाऊंगा
फिर कहा कईएक जन्म वफादार मैं कहलाऊंगा
जो मुझको कुछ देना हो बश इतना ही दिजो
जनम-जनम मोहे प्रभु कुत्ता ही कीजो, कुत्ता ही किजो।।
©®पं.संजीव शुक्ल “सचिन”
29/6/2017