Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jun 2019 · 1 min read

कुण्लिया छंद

~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
विषय :– रेत, बालू
विधा :– कुण्डलिया
******************************************
गंगा की मैं गोद में, यह है मेरा धाम।
कहते मुझको रेत है, आती सबके काम।।
आती सबके काम, स्वार्थ क्यूं उर में पालूं।
कंकर जल बेकार, मिले जो गर न बालू।।
कहे सचिन कविराय, मनु मुझ बिन नहीं चंगा।
मेरा पावन धाम, मातु है मेरी गंगा।।
*****************************************
दिन दिन फिसले ये समय, जैसे मुट्ठी रेत।
चाहो इसे सँभालना, रहना सदा सचेत।।
रहना सदा सचेत, रेत सम बनकर रहना।
गर्मी जाड़ा धूप, सदा ऐसे ही सहना।।
कहे सचिन कविराय, करो चिंतन हर पलछिन।
जीवन मुट्ठी रेत, फिसलता जाए दिन दिन।।
===================================
मैं पं.संजीव शुक्ल “सचिन” घोषणा करता हूँ कि मेरे द्वारा प्रेषित रचना पूर्णतः मौलिक ,स्वरचित,अप्रकाशित है
✍️[पं.संजीव शुक्ल “सचिन”]

1 Like · 453 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from संजीव शुक्ल 'सचिन'
View all
You may also like:
कुछ लोग गुलाब की तरह होते हैं।
कुछ लोग गुलाब की तरह होते हैं।
Srishty Bansal
वह दौर भी चिट्ठियों का अजब था
वह दौर भी चिट्ठियों का अजब था
श्याम सिंह बिष्ट
हमारी समस्या का समाधान केवल हमारे पास हैl
हमारी समस्या का समाधान केवल हमारे पास हैl
Ranjeet kumar patre
यश तुम्हारा भी होगा।
यश तुम्हारा भी होगा।
Rj Anand Prajapati
“दुमका दर्पण” (संस्मरण -प्राइमेरी स्कूल-1958)
“दुमका दर्पण” (संस्मरण -प्राइमेरी स्कूल-1958)
DrLakshman Jha Parimal
ज़िंदगी की उलझन;
ज़िंदगी की उलझन;
शोभा कुमारी
हिंदी दलित साहित्यालोचना के एक प्रमुख स्तंभ थे डा. तेज सिंह / MUSAFIR BAITHA
हिंदी दलित साहित्यालोचना के एक प्रमुख स्तंभ थे डा. तेज सिंह / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
"पुरानी तस्वीरें"
Lohit Tamta
फटा जूता
फटा जूता
Akib Javed
भूमकाल के महानायक
भूमकाल के महानायक
Dr. Kishan tandon kranti
■ जीवन सार
■ जीवन सार
*Author प्रणय प्रभात*
मासूमियत की हत्या से आहत
मासूमियत की हत्या से आहत
Sanjay ' शून्य'
आबरू भी अपनी है
आबरू भी अपनी है
Dr fauzia Naseem shad
रंगोली
रंगोली
Neelam Sharma
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Godambari Negi
चाँदनी खिलने लगी, मुस्कुराना आपका
चाँदनी खिलने लगी, मुस्कुराना आपका
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
पिता
पिता
लक्ष्मी सिंह
*नदी नहीं है केवल गंगा, देवलोक का गान है (गीत)*
*नदी नहीं है केवल गंगा, देवलोक का गान है (गीत)*
Ravi Prakash
कोई किसी के लिए जरुरी नहीं होता मुर्शद ,
कोई किसी के लिए जरुरी नहीं होता मुर्शद ,
शेखर सिंह
बखान गुरु महिमा की,
बखान गुरु महिमा की,
Yogendra Chaturwedi
रामकली की दिवाली
रामकली की दिवाली
Dr. Pradeep Kumar Sharma
ग्वालियर की बात
ग्वालियर की बात
पूर्वार्थ
वक्त के इस भवंडर में
वक्त के इस भवंडर में
Harminder Kaur
When we constantly search outside of ourselves for fulfillme
When we constantly search outside of ourselves for fulfillme
Manisha Manjari
* मन कही *
* मन कही *
surenderpal vaidya
2526.पूर्णिका
2526.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
आओ जाओ मेरी बाहों में,कुछ लम्हों के लिए
आओ जाओ मेरी बाहों में,कुछ लम्हों के लिए
Ram Krishan Rastogi
मेरी जन्नत
मेरी जन्नत
Satish Srijan
*
*"आज फिर जरूरत है तेरी"*
Shashi kala vyas
💐अज्ञात के प्रति-124💐
💐अज्ञात के प्रति-124💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Loading...