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18 May 2017 · 1 min read

कुण्डलिया छन्द

कोई तो कानून हो, है भारी अपराध
मच्छर आदम खूँ पियें, ले ले कर के स्वाद
ले ले कर के स्वाद, करें कानों में उँगली
रगड़ रगड़ खुजलात, मिटे ना लेकिन खुजली
कहत अतुल कविराय, नींद आँखों से खोई
मच्छर पुलिस बुलाय, पकड़वा दो अब कोई

अतुल पुण्ढीर

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