Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Nov 2017 · 1 min read

कुछ शेर

१, हम बदनसीब तो तन्हाई में जीते हैं,
महफ़िल में तो हमारा दम घुटता है.

२, यह तेरी बेरुखी ,यह तेरा मिजाज़ कैसा है,
आज क्यों तू मुझसे खफा -खफा सा है.

३, खुद पर सितम ढाने का फन हम रखते हैं,
शायद तभी दिल टूटने पर मुस्कुरा दिया करते हैं.

४, चोट खाने की आदत पड़ चुकी हैं हमें ,
अब कदम-कदम पर दर्द का एहसास क्या करना.

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 306 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all
You may also like:
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
प्रिय भतीजी के लिए...
प्रिय भतीजी के लिए...
डॉ.सीमा अग्रवाल
मां के हाथ में थामी है अपने जिंदगी की कलम मैंने
मां के हाथ में थामी है अपने जिंदगी की कलम मैंने
कवि दीपक बवेजा
तृष्णा उस मृग की भी अब मिटेगी, तुम आवाज तो दो।
तृष्णा उस मृग की भी अब मिटेगी, तुम आवाज तो दो।
Manisha Manjari
खून दोगे तुम अगर तो मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा
खून दोगे तुम अगर तो मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा
Dr Archana Gupta
शबे दर्द जाती नही।
शबे दर्द जाती नही।
Taj Mohammad
बेख़ौफ़ क़लम
बेख़ौफ़ क़लम
Shekhar Chandra Mitra
स्थितिप्रज्ञ चिंतन
स्थितिप्रज्ञ चिंतन
Shyam Sundar Subramanian
सरकार के सारे फ़ैसले
सरकार के सारे फ़ैसले
*Author प्रणय प्रभात*
2524.पूर्णिका
2524.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई
वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
रंगों के पावन पर्व होली की हार्दिक बधाई व अनन्त शुभकामनाएं
रंगों के पावन पर्व होली की हार्दिक बधाई व अनन्त शुभकामनाएं
अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि
उड़ कर बहुत उड़े
उड़ कर बहुत उड़े
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
फूलों से भी कोमल जिंदगी को
फूलों से भी कोमल जिंदगी को
Harminder Kaur
जिंदगी है कोई मांगा हुआ अखबार नहीं ।
जिंदगी है कोई मांगा हुआ अखबार नहीं ।
Phool gufran
पूर्णिमा की चाँदनी.....
पूर्णिमा की चाँदनी.....
Awadhesh Kumar Singh
प्यार के मायने बदल गयें हैं
प्यार के मायने बदल गयें हैं
SHAMA PARVEEN
फितरत
फितरत
Surya Barman
Jindagi ka safar bada nirala hai ,
Jindagi ka safar bada nirala hai ,
Sakshi Tripathi
लक्ष्य
लक्ष्य
Sanjay ' शून्य'
वेद प्रताप वैदिक को शब्द श्रद्धांजलि
वेद प्रताप वैदिक को शब्द श्रद्धांजलि
Dr Manju Saini
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
क्या है मोहब्बत??
क्या है मोहब्बत??
Skanda Joshi
मेरे कान्हा
मेरे कान्हा
umesh mehra
*कागज की नाव (बाल कविता)*
*कागज की नाव (बाल कविता)*
Ravi Prakash
आपकी सोच जैसी होगी
आपकी सोच जैसी होगी
Dr fauzia Naseem shad
हे राम,,,,,,,,,सहारा तेरा है।
हे राम,,,,,,,,,सहारा तेरा है।
Sunita Gupta
दो शे'र
दो शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
जीवन में शॉर्ट कट 2 मिनट मैगी के जैसे होते हैं जो सिर्फ दो म
जीवन में शॉर्ट कट 2 मिनट मैगी के जैसे होते हैं जो सिर्फ दो म
Neelam Sharma
प्रेम मे डुबी दो रुहएं
प्रेम मे डुबी दो रुहएं
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
Loading...