Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Apr 2017 · 1 min read

कुछ मन की कर जाऊँ

????
आज मैं कुछ मन की कर जाऊँ।
बिना पंख गगन में उड़ जाऊँ।
?
चाँद सितारे तोड़ के लाऊँ।
अपने बगिया में मैं लगाऊँ।
?
प्रकृति से मैं रंग चुरा लूँ।
अपने सुने मन को रंग जाऊँ।
?
फूलों की खुश्बू बन जाऊँ।
सब के मन को मैं महकाऊँ।
?
बादल के संग नाचूँ – गाऊँ।
कभी पतंगा,कभी चिड़िया बन जाऊँ।
?
सपनों की दुनिया मैं सजाऊँ।
परीलोक में धूम मचाऊँ।
?
सात सुरों की संगीत बजाऊँ।
जीवन के हर तार सजाऊँ।
?
आशा-निराशा की भूलभुलैया से
दूर कहीं एक नई दुनिया बसाऊँ।
?
जब तक हूँ मैं खुद भी जीऊँ।
औरों को भी मैं जीना सीखा दूँ।
?
स्वर्ग यही है नर्क यही है,
सबको मैं इतना समझाऊँ।
?
आज मैं कुछ मन की कर जाऊँ।
बिना पंख गगन में उड़ जाऊँ।
????-लक्ष्मी सिंह ??

361 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
" मुझमें फिर से बहार न आयेगी "
Aarti sirsat
जै जै अम्बे
जै जै अम्बे
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ज़िंदगी ऐसी
ज़िंदगी ऐसी
Dr fauzia Naseem shad
Stop chasing people who are fine with losing you.
Stop chasing people who are fine with losing you.
पूर्वार्थ
जिंदगी और उलझनें, सॅंग सॅंग चलेंगी दोस्तों।
जिंदगी और उलझनें, सॅंग सॅंग चलेंगी दोस्तों।
सत्य कुमार प्रेमी
जहाँ तक राजनीति विचारधारा का संबंध है यदि वो सटीक ,तर्कसंगत
जहाँ तक राजनीति विचारधारा का संबंध है यदि वो सटीक ,तर्कसंगत
DrLakshman Jha Parimal
मानव-जीवन से जुड़ा, कृत कर्मों का चक्र।
मानव-जीवन से जुड़ा, कृत कर्मों का चक्र।
डॉ.सीमा अग्रवाल
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
नेता (पाँच दोहे)
नेता (पाँच दोहे)
Ravi Prakash
लेखक
लेखक
Shweta Soni
उनकी महफ़िल में मेरी हालात-ए-जिक्र होने लगी
उनकी महफ़िल में मेरी हालात-ए-जिक्र होने लगी
'अशांत' शेखर
*अहमब्रह्मास्मि9*
*अहमब्रह्मास्मि9*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दबी जुबान में क्यों बोलते हो?
दबी जुबान में क्यों बोलते हो?
Manoj Mahato
फिर बैठ गया हूं, सांझ के साथ
फिर बैठ गया हूं, सांझ के साथ
Smriti Singh
रुके ज़माना अगर यहां तो सच छुपना होगा।
रुके ज़माना अगर यहां तो सच छुपना होगा।
Phool gufran
अहसास
अहसास
Sangeeta Beniwal
मेरे वतन मेरे वतन
मेरे वतन मेरे वतन
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
शंगोल
शंगोल
Bodhisatva kastooriya
"कैसा सवाल है नारी?"
Dr. Kishan tandon kranti
3169.*पूर्णिका*
3169.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रुपया-पैसा~
रुपया-पैसा~
दिनेश एल० "जैहिंद"
#शेर-
#शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
संभव कब है देखना ,
संभव कब है देखना ,
sushil sarna
बहुत सहा है दर्द हमने।
बहुत सहा है दर्द हमने।
Taj Mohammad
ले चल मुझे भुलावा देकर
ले चल मुझे भुलावा देकर
Dr Tabassum Jahan
बाबासाहेब 'अंबेडकर '
बाबासाहेब 'अंबेडकर '
Buddha Prakash
जिंदगी की ऐसी ही बनती है, दास्तां एक यादगार
जिंदगी की ऐसी ही बनती है, दास्तां एक यादगार
gurudeenverma198
ईर्ष्या
ईर्ष्या
नूरफातिमा खातून नूरी
फूल खिले हैं डाली-डाली,
फूल खिले हैं डाली-डाली,
Vedha Singh
प्रेम पर शब्दाडंबर लेखकों का / MUSAFIR BAITHA
प्रेम पर शब्दाडंबर लेखकों का / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
Loading...