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1 Sep 2020 · 1 min read

कुछ पुराने गीत

सप्त स्वर से जिंदगी के गीत गाते
दूसरों को सुख की जो चादर बिछाते
उनके जीवन में कभी न हो अँधेरा
इसलिए दीपक जलाता आ रहा हूँ
कुछ पुराने गीत गाता आ रहा हूँ

अंध कमरों की दीवारें बोलती हैं
अपने मन के राज गहरे खोलती हैं
जा सकें इनमें भी थो ड़ा सा उजाला
इसलिए जुगनू बुलाता आ रहा हूँ
कुछ पुराने गीत गाता आ रहा हूँ

जो गए परिवार के हित पेट भूखे
जिंदगी के स्वाद जिनको लगे रूखे
रक्त से रंजित न हो पग कंटकों से
पथों में कलियाँ बिछाता आ रहा हूँ
कुछ पुराने गीत गाता आ रहा हूँ

तटों पर बैठे बटोही पार जाने
शिथिल काया मन नहीं पर हार माने
फुरसतों में हाथ में पतवार लेकर
नाव नदियों में चलाता आ रहा हूँ
कुछ पुराने गीत गाता आ रहा हूँ

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 1 Comment · 179 Views
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