!!!कुछ तुम चलो, कुछ हम चले!!!
कुछ तुम चलो कुछ हम चले, दोनों मिल जाएंगे ।
तन्हा गुजरे जो लम्हे थे,उन्हें हम भूल जाएंगे।
खुशियां दोनों मिल बांटे,मिटा दे सारे ही कांटे,
महके जीवन की यह बगिया,बीज ऐसे उगाएंगे।।
हुए थे दूर हम दोनों,समय की यह तो मर्जी थी।
दोष तेरा न मेरा था,बीते को भूल जाएंगे ।।
खता होना भी तो यारा,प्रीत का ही हिस्सा है।
चलो किस्सा नया अपना,दोनों मिलकर बनाएंगे।।
मिले है मन मोरे सजन होगी न अब कोई उलझन।
अनुनय अनबन को सारी,हृदय से हम सुलझाएंगे।।
राजेश व्यास अनुनय