Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Feb 2021 · 1 min read

कुछ ख़त मुहब्बत के

ग़ज़ल

जिस पे तेरा करम यार है।
फिर कहाँ उस को ग़म यार है।

हर घङी तू ने हर हाल में।
मेरा रक्खा भरम यार है।

मंजिले-इश्क़ में राहबर।
तेरा नक़्शे क़दम यार है।

शोहरतेंजो हैं हासिल मुझे।
‘सब ये तेरा करम यार है।’

पी के अमृत नज़र से तिरी।
बेअसर मुझ पे सम यार है।

कैसे तेरा क़सीदा लिखूँ।
मेरा आजिज़ क़लम यार है।

तेरी चौखट का जो है गदा।
वो गदा मोहतरम यार है।

नाम लब पर है जब से तिरा।
दूर हर एक ग़म यार है।

ज़ाकिरों में है तेरे,क़मर।
ये करम कोई कम यार है।

जावेद क़मर फ़िरोज़ाबादी

11 Likes · 54 Comments · 447 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
विश्वकर्मा जयंती उत्सव की सभी को हार्दिक बधाई
विश्वकर्मा जयंती उत्सव की सभी को हार्दिक बधाई
Harminder Kaur
अब कौन सा रंग बचा साथी
अब कौन सा रंग बचा साथी
Dilip Kumar
#शर्माजी के शब्द
#शर्माजी के शब्द
pravin sharma
मोरनी जैसी चाल
मोरनी जैसी चाल
Dr. Vaishali Verma
आप अपने मन को नियंत्रित करना सीख जाइए,
आप अपने मन को नियंत्रित करना सीख जाइए,
Mukul Koushik
Chehre se sundar nhi per,
Chehre se sundar nhi per,
Vandana maurya
मुक्तक... छंद हंसगति
मुक्तक... छंद हंसगति
डॉ.सीमा अग्रवाल
हर रिश्ता
हर रिश्ता
Dr fauzia Naseem shad
पिता का पेंसन
पिता का पेंसन
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
Republic Day
Republic Day
Tushar Jagawat
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
"वो एक बात जो मैने कही थी सच ही थी,
*Author प्रणय प्रभात*
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Meera Singh
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
छिप-छिप अश्रु बहाने वालों, मोती व्यर्थ बहाने वालों
छिप-छिप अश्रु बहाने वालों, मोती व्यर्थ बहाने वालों
पूर्वार्थ
2960.*पूर्णिका*
2960.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कट गई शाखें, कट गए पेड़
कट गई शाखें, कट गए पेड़
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
एक बात तो,पक्की होती है मेरी,
एक बात तो,पक्की होती है मेरी,
Dr. Man Mohan Krishna
*शादी के पहले, शादी के बाद*
*शादी के पहले, शादी के बाद*
Dushyant Kumar
*कुछ कहा न जाए*
*कुछ कहा न जाए*
Shashi kala vyas
(24) कुछ मुक्तक/ मुक्त पद
(24) कुछ मुक्तक/ मुक्त पद
Kishore Nigam
कितनी सलाखें,
कितनी सलाखें,
Surinder blackpen
मंगलमय हो नववर्ष सखे आ रहे अवध में रघुराई।
मंगलमय हो नववर्ष सखे आ रहे अवध में रघुराई।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
Poem on
Poem on "Maa" by Vedaanshii
Vedaanshii Vijayvargi
*करिश्मा एक कुदरत का है, जो बरसात होती है (मुक्तक)*
*करिश्मा एक कुदरत का है, जो बरसात होती है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
गुरु आसाराम बापू
गुरु आसाराम बापू
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
एक संदेश बुनकरों के नाम
एक संदेश बुनकरों के नाम
Dr.Nisha Wadhwa
बाल कविता: तितली रानी चली विद्यालय
बाल कविता: तितली रानी चली विद्यालय
Rajesh Kumar Arjun
कैसी लगी है होड़
कैसी लगी है होड़
Sûrëkhâ Rãthí
Loading...