कुछ अच्छा कीजिये
* कुछ अच्छा कीजिये*
हमे पास बुलाकर,
दिल की बात कीजिये।
सुख दुख सुनाकर,
दिल को खुश कीजिये।
हार कभी मानकर,
जंग न लड़ा कीजिये।
सबल रख सीने में,
जीत हासिल कीजिये।
तनिक सी बात पर,
भड़का यूँ न कीजिये।
रो रो कर हर बात,
सबसे से न कीजिये।
कुछ दर्द गम को,
सीने दफन कीजिये।
जिंदगी को अपनी खुद,
खुश मिजाज कीजिये
आवारगी वाला काम,
कभी किया न कीजिये।
अपनी तकदीर को,
चमका तुम लीजिये।
बेकारी से कभी नही,
समय गवा कीजिये।
अच्छे काम कर खुद,
जग में छाया कीजिये।
माता पिता का अपना,
अपमान न कीजिये।
भूल हो कभीअपनी तो,
झुक जाया भी कीजिये।
सेवा कर माँ पिता की,
जग में नाम कीजिये।
श्रवण कुमार बन,
सेवा निस्वार्थ कीजिये।
गायत्री सोनु जैन