कुंडलिया:- सौहर ऐंसो चाहिए…
कुंडलिया
1.सनातनीय कन्या:-
वर ऐसा भगवान दो, होवे राजकुमार।
सतसंगत में ही रहे, दिल में प्रेम अपार।।
दिल में प्रेम अपार, रहूँ मैं उनकी दासी।।
करें अमिट वो प्यार, निभे सब अच्छी खासी।।
कहत कल्प कविराय,दबाये पत्नी का सर।
सुख दुख में हो साथ, यही बस चाहूं मैं वर ।।
2.मुस्लिम लड़की:-
रब ऐसा शौहर मिले, ख़ुश मिजाज बेबाक।
मियाँ जुवां पे आये न, दोज़ख शब्द तलाक।
दोज़ख शब्द तलाक़, नरक से भी है भारी।।
बुरका रखकर परे, दिलाये सुंदर सारी।।
कहत कल्प कविराय, पिया के काम करूँ सब।
शौहर ऐसा मिले ,जिसे दिल मान सके रब।
3. आधुनिक बालायें:-
लेट भले ही वर मिले,होवे हल्का वेट।
अनुगामी मेरा रहे, सदा रहे अपडेट।।
सदा रहे अपडेट, न पीछा मेरा छोड़े।
करूँ इशारा एक, पलट वो पीछे दौड़े।।
कहत ‘कल्प’ कविराय, न मोबाइल वो देखे।
इंतजार ही करे, घर आऊं चाहे लेट।।
✍? अरविंद राजपूत ‘कल्प’