Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jan 2019 · 1 min read

कुंडलिया छंद

कुंडलिया छंद-
लगते हैं अब तक हरे, जाति- धर्म के घाव।
नमक छिड़कने आ गए,फिर से आम चुनाव।
फिर से आम चुनाव , करेंगे पैदा दूरी।
होंगे खूब फसाद , चलेंगी चाकू छूरी।
फैलाकर उन्माद , सभी जनता को ठगते।
अब तो सभी चुनाव ,हमें दुश्मन- से लगते।।1

कर देता जो देश हित,प्राणों का बलिदान।
माना जाता है वही, जग में पुत्र महान।
जग में पुत्र महान,गर्व अनुभूति कराता।
हो जाते हैं धन्य , उसे पा बापू माता।
भारत माँ के कष्ट,शीश सब खुद ले लेता।
देश- प्रेम में प्राण ,होम अपने कर देता।।2
डाॅ बिपिन पाण्डेय

342 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
इक दुनिया है.......
इक दुनिया है.......
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
If you have someone who genuinely cares about you, respects
If you have someone who genuinely cares about you, respects
पूर्वार्थ
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
आपका अनुरोध स्वागत है। यहां एक कविता है जो आपके देश की हवा क
आपका अनुरोध स्वागत है। यहां एक कविता है जो आपके देश की हवा क
कार्तिक नितिन शर्मा
संवेदनहीन
संवेदनहीन
अखिलेश 'अखिल'
पिघलता चाँद ( 8 of 25 )
पिघलता चाँद ( 8 of 25 )
Kshma Urmila
हम हैं क्योंकि वह थे
हम हैं क्योंकि वह थे
Shekhar Chandra Mitra
प्यास बुझाने का यही एक जरिया था
प्यास बुझाने का यही एक जरिया था
Anil Mishra Prahari
शर्म
शर्म
परमार प्रकाश
जी.आज़ाद मुसाफिर भाई
जी.आज़ाद मुसाफिर भाई
gurudeenverma198
* खूबसूरत इस धरा को *
* खूबसूरत इस धरा को *
surenderpal vaidya
हर लम्हा दास्ताँ नहीं होता ।
हर लम्हा दास्ताँ नहीं होता ।
sushil sarna
शहीद की पत्नी
शहीद की पत्नी
नन्दलाल सुथार "राही"
पंचचामर मुक्तक
पंचचामर मुक्तक
Neelam Sharma
*कैसे  बताएँ  कैसे जताएँ*
*कैसे बताएँ कैसे जताएँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
#सामयिक ग़ज़ल
#सामयिक ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
कया बताएं 'गालिब'
कया बताएं 'गालिब'
Mr.Aksharjeet
हर एक चोट को दिल में संभाल रखा है ।
हर एक चोट को दिल में संभाल रखा है ।
Phool gufran
प्यार में आलिंगन ही आकर्षण होता हैं।
प्यार में आलिंगन ही आकर्षण होता हैं।
Neeraj Agarwal
" लोग "
Chunnu Lal Gupta
*दफ्तरों में बाबू का महत्व (हास्य व्यंग्य)*
*दफ्तरों में बाबू का महत्व (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
वक्त
वक्त
Madhavi Srivastava
🥀 * गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 * गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
रोटी
रोटी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*** नर्मदा : माँ तेरी तट पर.....!!! ***
*** नर्मदा : माँ तेरी तट पर.....!!! ***
VEDANTA PATEL
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
3147.*पूर्णिका*
3147.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कुछ लिखा हू तुम्हारी यादो में
कुछ लिखा हू तुम्हारी यादो में
देवराज यादव
"ये कैसी चाहत?"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...